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मप्र सीमा पर चौकसी में पुलिस के इंतजाम नाकाफी

locationबारांPublished: Nov 27, 2021 10:21:58 pm

Submitted by:

mukesh gour

दो जिलों के दो थानों की पुलिस, फिर भी अपराधियों के हौसले बुलंद

मप्र सीमा पर चौकसी में पुलिस के इंतजाम नाकाफी

मप्र सीमा पर चौकसी में पुलिस के इंतजाम नाकाफी

मांगरोल. अंतर्राज्यीय सीमा पर बसे मांगरोल से मिलती राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमाओं पर अब अपराधों में बढ़ोतरी होने लगी है। संख्या की दृष्टि से भले अपराध कम हुए हैं, लेकिन जो भी अपराध हुए वह जघन्य श्रेणी के ही हुए हैं। ऐसे में साफ है कि दोनों राज्यों की सरहद अपराधियों के लिए मुफीद साबित हो रही है। बारां जिले के मांगरोल थाना व कोटा जिले के अयाना थाना की सीमाएं मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले मिलती हैं। यहां दोनों ही थानों की पुलिस की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन अपराधी अपना खेल खेल जाते हैं। ऐसे में क्षेत्र में रहने वाले लोगों व मप्र सीमा से सटे गांवों के बाशिंदे खौफजदा रहते हैं। एक साल पहले एक महिला की चाकुओं से गोदकर हत्या इसका जीता जागता उदाहरण है। इससे ठीक पांच माह पहले जून में अयाना थाना इलाके में मध्यप्रदेश के कुंहाजापुर निवासी से कोटा में जिंस बेचकर आते समय लूटहुई थी।इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ। दस साल पहले सीमा से पहले बसे गांव बमोरीकलां में हुई पैट्रोल पंप पर लूट की घटना का खुलासा भी आज तक नहीं हो सका है।
ऐसे हैं हालात
मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले एक रास्ता बालूंदा की पुलिया पर होकर जाता है। पहले यहां पुलिया से पहले पार्वती एक्वाडक्ट के यहां पुलिस चौकी थी जिसे अब हटा लिया गया है। रामगढ़ रोड़ होकर नहर के रास्ते भी बड़ौदा में प्रवेश के अलावा रामगढ़ रोड़ से काला पट्टा होकर भी मध्यप्रदेश में प्रवेश किया जा सकता है। अब केवल बमोरीकलां में पुलिस चौकी कायम है। यह क्षेत्र के अपराधों के अलावा सीमावर्ती इलाकों से आने वाले लोगों की निगरानी भी करती है। लेकिन यहां नाकाफी स्टाफ चौकी क्षेत्र के लिए ही अपर्याप्त है तो सीमा पर चौकसी इसके बस की बात नहीं। वहां अयाना थाने की पुलिस चौकी भी नहीं है। मध्यप्रदेश में आने जाने के कई रास्ते ही अपराधियों के अपराध कर भागने में मददगार साबित होते है। और ऐसे में पुलिस अपनी मौजूदगी के बाद भी गैरमौजूदगी दर्शाती नजर आती है।
पुख्ता इंतजाम नहीं
राजस्थान व मध्यप्रदेश की लगती सीमाओं पर चौकसी के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही। दोनों राज्यों की सीमा से पहले चार पैट्रोलपंप भी है। यहां भी लोगों की देर रात तक आवाजाही रहती है। वहां सीमा से पहले हांडीपाली के पालेश्वर महादेव का धार्मिक स्थल भी है।ऐसे में पुलिस की नफरी में इजाफा व अलग से पुलिस चौकी कायम होने की दरकार है। पिछले तीन माह से मांगरोल थाने में सीआई का पद भी रिक्त चल है।
तीन थाने की है चौकसी
बमोरीकलां से मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले कोटा जिले के अयाना व बारां जिले के मांगरोल थाने की सीमाएं मिलती है। तो काला पट्टा होकर जाने पर किशनगंज थाना क्षैत्र आ जाता है। थानों की दूरी और प्रवेश के रास्तों में पुलिस की चौकसी कम होने की वजह से अपराधी अपना काम इधर करते हैं और उधर से भाग निकलते हैं।पुलिस के पहुंचने में काफी देर हो जाती है। पार्वती नदी किशनगंज व मांगरोल थाने की सीमारेखा तय करती है। अपराधी नदी के रास्ते भी अपराध कर भाग निकलने में सफल हो जाते हैं। कोरोना संक्रमण के समय लॉकडाउन हुआ और अंतर्राज्यीय सीमाएं सील की गई। तब भी लोग इधर से उधर आराम से होते रहे। पुलिस सीमा पर नाकाबंदी के बावजूद चौकसी में नाकामयाब ही साबित हुई।
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