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Assembly By-election: राजस्थान में अंता सीट पर उपचुनाव की सुगबुहाहट तेज, जानें यहां के समीकरण?

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। राज्य निर्वाचन विभाग ने भारत निर्वाचन आयोग को चुनाव के लिए अनुशंसा भेज दी है।

Anta assembly by-election
प्रतीकात्मक तस्वीर

Anta Assembly By-election: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। राज्य निर्वाचन विभाग ने भारत निर्वाचन आयोग को चुनाव के लिए अनुशंसा भेज दी है। आयोग जल्द ही चुनाव की तारीख तय करेगा। निर्वाचन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें EVM की पहली चरण की जांच पूरी हो चुकी है। इस बीच, उपचुनाव के सियासी समीकरण और प्रत्याशी चयन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है।

कंवरलाल मीणा की अयोग्यता से खाली हुई सीट

अंता विधानसभा सीट बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की अयोग्यता के बाद खाली हुई। 2005 में उपसरपंच चुनाव के दौरान एक SDM पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मीणा को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद उन्होंने मनोहर थाना कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई।

अंता का सियासी इतिहास और समीकरण

अंता विधानसभा सीट पिछले दो दशकों से राजस्थान की राजनीति में अहम रही है। पिछले चार विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस ने दो-दो बार जीत हासिल की। इस सीट से चुने गए प्रमोद जैन भाया दो बार और प्रभुलाल सैनी एक बार मंत्री रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को 5,000 से अधिक वोटों से हराया था। मीणा 2013 में मनोहरथाना से विधायक रह चुके हैं और बीजेपी ने भाया को घेरने की रणनीति के तहत उन्हें अंता से उतारा था, जिसमें वे सफल रहे।

बीजेपी के पास प्रभुलाल सैनी या नया चेहरा?

कंवरलाल मीणा के अयोग्य घोषित होने के बाद बीजेपी में प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन शुरू हो गया है। चर्चा है कि पार्टी इस बार पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को मैदान में उतार सकती है। सैनी 2013 में अंता से विधायक और वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे। वे सैनी (माली) समाज से हैं, जिसका इस सीट पर निर्णायक वोट बैंक है।

हालांकि, युवा कार्यकर्ता स्थानीय और नए चेहरे को मौका देने की मांग कर रहे हैं। बीजेपी में इस सीट पर हमेशा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पसंद का प्रत्याशी उतरता रहा है। कुछ कयास यह भी हैं कि बीजेपी कंवरलाल मीणा की पत्नी भगवती मीणा को सहानुभूति कार्ड के तौर पर उतार सकती है।

कांग्रेस में भाया पहली पसंद, उर्मिला भी दौड़ में

कांग्रेस के लिए प्रमोद जैन भाया इस सीट पर सबसे मजबूत चेहरा हैं। भाया ने 2003 से 2023 तक पांच चुनाव लड़े, जिनमें 2003 (निर्दलीय), 2008 और 2018 में जीत हासिल की। हालांकि, भजनलाल शर्मा सरकार में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों के चलते उनकी पत्नी उर्मिला जैन को भी प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है।

उपचुनाव की सियासी जंग

गौरतलब है कि अंता उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा दांव पर है। सैनी समाज के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के वोटर इस सीट के नतीजे तय करते हैं। दोनों दल सहानुभूति और जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश में जुटे हैं। निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद चुनावी तारीखों का ऐलान होते ही यह जंग और तेज होने की उम्मीद है।

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