विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पीडब्ल्यूडी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े प्रत्येक अस्पताल में एक चौकी स्थापित करेगा। इन चौकियों पर 3 शिफ्टों में प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन और दिन के समय राजमिस्त्री, बढ़ई और वेल्डर तैनात रहेंगे। यह जनशक्ति पीडब्ल्यूडी द्वारा नियुक्त की जाएगी। अस्पतालों के बीच साझा परिसर के मामले में एक सामान्य चौकी स्थापित की जाएगी। सभी अस्पतालों में एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर विज्ञापित किया जाएगा, जिस पर संपर्क हेल्पलाइन ऑपरेटर काम करेंगे, जो रखरखाव और अन्य रोगी शिकायतों से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करेंगे। शिकायत सुधार का सत्यापन अस्पताल रखरखाव के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाएगा और ठेकेदार को भुगतान सत्यापन के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा।
28000 रुपए प्रति सेमी से होगा व्यय संबंधित अस्पताल वार्षिक रखरखाव निधि के रूप में पीडब्ल्यूडी को सालाना भवन मूल्य की 2 फीसदी राशि देगा। निधि आरएमआरएस द्वारा दी जाएगी और पीडब्ल्यूडी द्वारा भुगतान किया जाएगा। भवन मूल्य की गणना अस्पताल के कुल निर्मित क्षेत्र को भवन निर्माण के लिए वर्तमान बाजार दर (वर्ष 2005 के लिए 28000 रुपये प्रति सेमी) से गुणा करके की जाएगी। इस रखरखाव शुल्क का 70 फीसदी सिविल और 30 फीसदी विद्युत रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। यदि किसी विशेष अस्पताल में जमीनी हकीकत के आधार पर इस अनुपात को बदलने की आवश्यकता है, तो आरएमआरएस की अनुमति से इसे बदल सकते हैं।
चिकित्सा शिक्षा व सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से संयुक्त एसओपी जारी होने के बाद जिला स्तर पर भी तैयारी शुरू हो गई है। यहां दोनों विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक की गई। बैठक में एसओपी में दिए गए बिन्दुओं पर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किए गए है। प्रस्ताओं को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। प्रस्तावों के मुताबिक बजट आवंंटित होने पर टैंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
केसी महावर, अधिशासी अभियंता, सानिवि बारां खंड (कार्यवाहक)