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बारिश का दौर जारी, कई जगह झमाझम, फसलों के गलने की नौबत, बिजली गिरने से एक की जान गई

जिले में अक्टूबर के महीने में हो रही बिन मौसम की बरसात ने न केवल लोगों को चकित कर रखा है, बल्कि किसानों की भी ङ्क्षचता बढ़ा दी है। यह समय फसल बुवाई का है। ऐसे में किसान बा आने पर खेतों में बीज बोने की तैयारी कर रहे हैं। कई ने सरसों आदि के बीज बो भी दिए है। पिछले दो-तीन दिन से हो रही बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है।

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बारां

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Mukesh Gaur

Oct 05, 2025

जिले में अक्टूबर के महीने में हो रही बिन मौसम की बरसात ने न केवल लोगों को चकित कर रखा है, बल्कि किसानों की भी ङ्क्षचता बढ़ा दी है। यह समय फसल बुवाई का है। ऐसे में किसान बा आने पर खेतों में बीज बोने की तैयारी कर रहे हैं। कई ने सरसों आदि के बीज बो भी दिए है। पिछले दो-तीन दिन से हो रही बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है।

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नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, दो से तीन दिन तक रहेगी बारिश की आशंका

बारां. जिले में अक्टूबर के महीने में हो रही बिन मौसम की बरसात ने न केवल लोगों को चकित कर रखा है, बल्कि किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है। यह समय फसल बुवाई का है। ऐसे में किसान बा आने पर खेतों में बीज बोने की तैयारी कर रहे हैं। कई ने सरसों आदि के बीज बो भी दिए है। पिछले दो-तीन दिन से हो रही बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। मौसम विभाग ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 6 अक्टूबर को भी बारिश होने की संभावना जताई है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में कहीं-कहीं भारी बारिश, ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर यह अलर्ट कोटा, बारां, झालावाड़ के लिए भी है। रविवार को शहर में सुबह धूप खिली, इसके बाद दोपहर को मौसम बदला और शहर सहित जिले में कई जगह झमाझम बारिश हुई। अचानक हो रही बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया है जिससे खरीफ की फसल के खराब होने की आशंका है। रविवार को अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी की मात्रा बढकऱ 77 प्रतिशत हो गई। इस बीच 16 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। मौसम बिगडऩे के बाद कृषि उपज मंडी में सूखने के लिए फैलाई गई मक्का को हम्मालो ने समेटना शुरु किया। लेकिन इसी दौरान बरसात होने से मक्का भीग गई।

किसानों की परेशानी बढ़ी, फसलों की चिंता

जिले में अक्टूबर में हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को परेशानी में ला दिया है। ओलावृष्टि की वजह से फसलों के खराब होने की आशंका है। मौसम विभाग ने अपने अलर्ट में बताया है कि अलग-अलग स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से भारी बारिश होने का अनुमान जाहिर किया गया है। मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर बन रहे नमी वाले दबाव का असर पूरे देश के मौसम पर नजर आ रहा है। नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 5 से 7 अक्टूबर तक हल्की से लेकर मध्यम और भारी स्तर तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 8 अक्टूबर से अगले एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मानसून की विदाई के बाद बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव से बारिश की संभावना बनी रहेगी। 7 अक्टूबर के बाद ही बारिश का सिलसिला थमेगा। अधिकतम तापमान में नहीं, लेकिन न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट देखी गई है। इससे रात में वातावरण ठंडा रहने लगा है। 7 अक्टूबर के बाद दिन में धूप और सुबह-शाम हल्की ठंड बढ़ेगी और अक्टूबर के अंत तक ठंड की शुरुआत होगी।

किसानों को दी सलाह

मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि आने वाले दो दिनों तक खेतों में नई बुवाई, कटाई या रासायनिक छिडक़ाव से बचें। यात्रियों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को गरज-चमक के दौरान खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे खड़े होने से परहे•ा करने की हिदायत दी गई है।

रपट पर पानी, भंवरगढ़-बोरेन मार्ग बंद

भंवरगढ़ . कस्बे सहित आसपास ग्रामीण अंचल में रविवार दोपहर बाद हुई मूसलाधार बरसात के कारण अधिकांश नदी-नाले एक बार फिर उफान पर आ गए। भंवरगढ़-बोरेन मार्ग स्थित तेलिया खाळ की रपट पर पानी आने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया। क्षेत्र के बिलासी बांध, छोटा तालाब, सहित अधिकांश तालाबों पर एक बार फिर अक्टूबर माह में भी चादर चल गई। कई खेतों में जल भराव के कारण किसानों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें नजर आई। हर सप्ताह हो रही बरसात ने किसानों को असमंजस में डाल रखा है। कस्बे के किसानों ने बताया कि अगर ऐसे ही बरसात होती रही तो लहसुन की बुवाई करने वाले किसानों को तगड़ा झटका लगेगा, क्योंकि जमीन सूख ही नहीं पा रही है। ऐसे में लहसुन की बुवाई होना भी संभव नहीं है। रविवार की मूसलाधार बरसात के चलते क्षेत्र के अधिकांश नदी-नालों में लगातार पानी बह रहा है। वहीं क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े तालाबों पर एक बार फिर चादर चल गई है।

मंडी में किसानों की फसल भीगी

अटरू. कस्बे में रविवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई। इसके बाद फिर सायं को फिर बरसात हुई। कस्बे में दिनभर मौसम साफ था, चटक धूप निकल रही थी दोपहर में आसमान पर बादल छाए ओर अंधेरा हो गया इसके बाद मोटे-मोटे छींटे आएं, सायं को एक बार फिर बरसात हुई। बारिश से कृषि उपज मंडी में किसानों की सुखाने के लिए सडक़ों पर डाल रखी सोयाबीन, मक्का आदि फसल भीग गई। कृषक रामबाबू वैष्णव ने बताया कि इस वर्ष पहले से ही किसानों के नाम मात्र की फसल निकली हैं, मंडी में इनको सूखने के लिए डाल रखा था। जो फ़सल निकली, वह भी $खराब हो गई।

मेहनत की कमाई पर आफत

मऊ . क्षेत्र में रविवार दोपहर बाद मौसम में बदलाव आया और झमाझम बारिश को दौर शुरू हो गया। बारिश के कारण किसानों की कटी हुई सोयाबीन और तैयार सुदा फसलें पानी में भीग जाने से किसानों को काफी नुकसान हो गया। कई किसानों के खेतों में अभी भी सोयाबीन, ज्वार, मक्का आदि की फसलें कट रही है। वह भी खराब होने की संभावना है। कई किसानों की तैयार फसल जो घर-आंगन और खलिहानों में धूप में सूख रही थी। उन पर भी बारिश का पानी गिर जाने से भीग गई। दूसरी और जो किसान रवि की फसलों की बुवाई के लिए खेतों की हंकाई-जुताई में लगे हुए थे। उनका कृषि कार्य भी बारिश के कारण बाधित हो गया।

बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत

किशनगंज . क्षेत्र के कागला बमोरी गांव में रविवार को खेत पर मवेशियों को चरा रहे व्यक्ति की बिजली गिरने से मौके पर मौत हो गई। थाना अधिकारी रमेशचंद मेरोठा ने बताया कि थाना क्षेत्र के अंतर्गत कागला बमोरी में जोधराज पुत्र केसरी लाल 55 खेत में पालतू पशुओं को चरा रहा था। अचानक तेज हवा, बारिश के चलते आकाशीय बिजली जोधराज पर गिर गई। सूचना मिलने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने जोधराज को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।


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