बारां. पर्यावरण संरक्षण गतिविधि का वार्षिक समारोह शिवाजी नगर िस्थत मनोहर घाट पर हुआ। इसमें वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण में योगदान का आह्वान किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. पर्यावरणविद् अर्जुन सिंह राजावत, विशिष्ट अतिथि उप वन संरक्षक बारां दीपक कुमार गुप्ता थे। अध्यक्षता जिला संघचालक बारां वैद्य राधेश्याम गर्ग ने की। मुख्य वक्ता अशोक कुमार शर्मा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संयोजक जयपुर प्रांत रहे। मुख्य अतिथि डॉ. राजावत ने अमृता देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने खेजड़ली वृक्षों को बचाने के लिए अपने परिवार सहित 363 व्यक्तियों ने पेड़ों की खातिर अपनी गर्दन कटवा कर पेड़ों को बचाया और अपनी जान दे दी। विशिष्ठ अतिथि गुप्ता ने विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के वृक्षों का उल्लेख करते हुए बड़ व पीपल का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि बारां जिले में डॉ. राजावत ने 6000 बड़ के पौधे लगाए हैं।इसलिए जो जैसा काम करता है, वह उसी नाम से जाना जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वैद्य गर्ग ने औषधीय पौधों का महत्व बताया और कहा कि हर पौधा औषधी में काम आता है । ऐसा कोई वृक्ष नहीं है जिसकी दवा नहीं बनती हो। हर पौधे का जीवन में औषधी उपयोग है। हमें अधिक से अधिक पौधे लगाना चाहिए ।
मुख्य वक्ता अशोक कुमार ने जल संरक्षण एवं पॉली थिन रोकथाम पर प्रकाश डालते हुए कहा की हमारी संस्कृति में पर्यावरण को देवता के रूप में पूजा गया है। नक्षत्रों एवं राशियों के हिसाब से वृक्षों का वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि हर मांगलिक कार्यक्रम पर हमें वृक्षारोपण करना ही चाहिए। इस अवसर पर बारां जिले में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन करने वाली 25 सामाजिक संस्थाओं एवं व्यक्तिगत रूप से काम करने वाले प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। जिसमें दीया टीम बारां गायत्री परिवार, पतंजलि संगठन से गौरी नंदन जिलाध्यक्ष ,पारिवारिक वानिकी से भुवनेश मालव, बांसथूनी गौशाला से रामस्वरूप पोटर, कबीर आश्रम नाहरगढ़ से हंसराज, आदर्श विद्या मंदिर किशनगंज से कृष्ण कन्हैया, बारां नगर नंदिनी गौशाला से भरत पोरवाल समेत अन्य शामिल रहे।