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82 खसरों का मुआवजा मिलने की राह आसान, 868.25 लाख रुपए स्वीकृत

भूमि की तरमीम पूर्ण होने पर दिसम्बर, 2020 से भू-अर्जन की कार्यवाही पुन: शुरू की गई। इसी बीच 23 मार्च, 2021 को अटरू नगरपालिका का गठन हुआ, इससे बाद उक्त भूमि नगरीय सीमा में आ गई। इसके चलते मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण भी नए नियमों के अनुसार किया गया।

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बारां

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Mukesh Gaur

Jun 08, 2025

भूमि की तरमीम पूर्ण होने पर दिसम्बर, 2020 से भू-अर्जन की कार्यवाही पुन: शुरू की गई। इसी बीच 23 मार्च, 2021 को अटरू नगरपालिका का गठन हुआ, इससे बाद उक्त भूमि नगरीय सीमा में आ गई। इसके चलते मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण भी नए नियमों के अनुसार किया गया।

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परवन वृहद् परियोजना का मामला : वित्त विभाग ने दी विशेष अनुग्रह राशि, बारां नगरपालिका को सीमा मानते हुए मुआवजे की गणना

बारां. जिले में परवन वृहद परियोजना की दायीं मुख्य नहर के निर्माण कार्य में छूटे 82 खसरों का मुआवजा मिलने की राह आसान हो गई है। इसके बाद प्रभावितों को शीघ्र ही भुगतान किया जा सकेगा। इसके लिए वित्त विभाग ने 868.25 लाख रुपए की विशेष अनुदान राशि की स्वीकृति दे दी है।

डीएलसी दर पर राशि का किया निर्धारण

यह राशि नगरपालिका बारां की सीमा और वर्ष 2019-20 की डीएलसी दर के अनुसार निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि दायीं मुख्य नहर की आरडी 32.00 से 89.40 किमी के मध्य अटरू तहसील के 7 गांवों (अटरू, खुरी, लक्ष्मीपुरा, छैलाबैल, मूंडला, मेरमातालाब एवं सहरोद) की कुछ भूमि मूल अवार्ड के समय भू-अर्जन प्रक्रिया से सम्मिलित नहीं हो पाई थी। भूमि के खसरों में तरमीम नहीं हो पाने के कारण कुल 82 खसरे मुआवजा प्रकिया से बाहर रह गए थे।

फिर से की भू-अर्जन की कार्यवाही

बाद में भूमि की तरमीम पूर्ण होने पर दिसम्बर, 2020 से भू-अर्जन की कार्यवाही पुन: शुरू की गई। इसी बीच 23 मार्च, 2021 को अटरू नगरपालिका का गठन हुआ, इससे बाद उक्त भूमि नगरीय सीमा में आ गई। इसके चलते मुआवजा राशि का पुनर्निर्धारण भी नए नियमों के अनुसार किया गया। इस परिवर्तन से मुआवजा राशि में अन्तर उत्पन्न होने पर विभाग ने समायोजन के लिए विशेष अनुग्रह राशि का प्रस्ताव तैयार राज्य सरकार को भेजा। इसके बाद जल संसाधन मंत्री के प्रयासों से प्रस्ताव को वित्त विभाग की ओर से 4 जून, 2025 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

मुआवजा वितरण पर निर्माण में आएगी तेजी

इस निर्णय से प्रभावितों को अब न्यायोचित मुआवजा प्राप्त हो सकेगा। दायीं मुख्य नहर का निर्माण तेजी से होगा। परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन से जुड़ी प्रक्रिया और जनहित को प्राथमिकता देने की दिशा में यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगा। परवन बांध में कुल 21 ब्लॉक,15 ओवरफ्लो और 6 नॉन ओवरफ्लो का सीमेंट कंकरीट कार्य पूर्ण हो चुका है। गैलरी निर्माण भी पूरा हो चुका है। इसके पांच 5 गेट तैयार हैं।

प्रदेश में समयबद्ध जल संरचनाओं का विकास और आमजन को न्याय दिलाना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में परवन वृह्द परियोजना से प्रभावितों को विशेष अनुग्रह राशि शीघ्र मिलेगी।

सुरेश रावत, जल संसाधन मंत्री


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