...इधर मौसम बदला, उधर सोयाबीन की बुवाई शुरू
मांगरोल. मानसून पूर्व की बरसात के बाद पिछले तीन दिन से पानी नहीं बरस रहा है। ऐसे में खेतों में बा आने के साथ ही किसान एक साथ सोयाबीन की बुवाई में जुट गए हैं। फसल कटने के बाद सूनी हुई खेतों की पगडंडियों पर फिर से चहल-पहल दिखाई देने लगी है।
बारां
Updated: June 25, 2022 10:38:42 pm
मांगरोल. मानसून पूर्व की बरसात के बाद पिछले तीन दिन से पानी नहीं बरस रहा है। ऐसे में खेतों में बा आने के साथ ही किसान एक साथ सोयाबीन की बुवाई में जुट गए हैं। फसल कटने के बाद सूनी हुई खेतों की पगडंडियों पर फिर से चहल-पहल दिखाई देने लगी है। एक साथ सोयाबीन की बुवाई का सीजन शुरू हो जाने से डीजल की बिक्री बढ़ गई है। काश्तकारों के खेती किसानी के काम में लग जाने से बाजारों में आमदरफत कम दिखाई देने लगी है। शनिवार को कड़क धूप निकली, कभी बादल छाए, लेकिन बरसात नहीं हुई। पिछले साल अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन का बीज मिलने में किसानों को दिक्कत आ रही है। वहां इस बार बीज के भाव भी 9 हजार रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल हो गए हैं। मानसून के देरी आने के मौसम विभाग के समाचार के बाद किसान एक साथ बुवाई में लग गए है। इस बार किसानों को मानसून पहले की बरसात के होने से सोयाबीन की फसल बुवाई में भी देरी नहीं हुई है।
मिट्टी नम हुई तो शुरू हुई सोयाबीन की बुवाई
बोहत. कस्बे सहित गांवों में खरीफ की फसल सोयाबीन की बुवाई जोरों पर है। पिछले तीन दिन से किसान खेत की हंकाई-जुताई में लगे हैं। किसानों का कहना है कि समय पर प्री मानसून की बारिश होने से किसानों को फायदा हुआ। अच्छी बारिश होने पर खेतों मे अच्छी हंकाई-जुताई होने से समय पर सोयाबीन की बुवाई हो रही है। पिछले तीन दिन से किसान सोयाबीन की बुवाई कर रहे हैं। किसान मनोज गालव, मुरलीधर शर्मा, यशवंत मालव ने बताया कि किसान सोयाबीन की किस्म के अनुसार ही बीज बुवाई कर रहे हैं। तेज तापमान व कीट से फसल के नष्ट होने के अंदेशा से अधिकतम 25 किलो बीघा के हिसाब से किसान खेत में महंगे भाव का बीज डाल रहे हैं। अधिकांश गांवों में किसान सोयाबीन की बुवाई कर चुके हैं।

...इधर मौसम बदला, उधर सोयाबीन की बुवाई शुरू
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