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water crises : हाड़ौती के इस शहर की यही कहानी : कहीं बह रहा व्यर्थ पानी, किसी को उठानी पड़ रही परेशानी

टंकीवार आबादी क्षेत्र का निर्धारण हो तो मिले पर्याप्त पानी

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बारां

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Mukesh Gaur

Aug 03, 2023

water crises : हाड़ौती के इस शहर की यही कहानी : कहीं बह रहा व्यर्थ पानी, किसी को उठानी पड़ रही परेशानी

water crises : हाड़ौती के इस शहर की यही कहानी : कहीं बह रहा व्यर्थ पानी, किसी को उठानी पड़ रही परेशानी

बारां. शहर में पेयजल आपूर्ति ओर वितरण व्यवस्था को प्रभावी करने के लिए टंकियों का निर्माण तो करा लिया गया, लेकिन वितरण किए जाने वाले आबादी क्षेत्र का व्यवस्थित रूप से निर्धारण नहीं किया जा रहा है। इससे विभिन्न इलाकों में पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। लोगों को नगरपरिषद की ओर से लगाई गई ट््यूबवैल से पानी का बंदोबस्त करना पड़ रहा है। पुराने बारां शहर में पिछले करीब एक सप्ताह से 15-20 मिनट ही पेयजल वितरण किया जा रहा है। जबकि इसमें अब तीन टंकियां है, लेकिन आबादी क्षेत्र का उचित निर्धारण नहीं है। टंकी भरने वाली राइङ्क्षजग लाइन से भी खूब कनेक्शन हो रहे हैं। इससे किसी क्षेत्र में व्यर्थ पानी बह रहा है तो किसी को परेशानी उठानी पड़ रही है। यह एक बानगीभर है, शहर के कई इलाकों में वितरण व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।

बिगड़ रहा पानी का स्वाद

पिछले कुछ दिनों से पुराने बारां शहर के विभिन्न इलाकों में आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता को लेकर भी समस्या आ रही है। कुछ इलाके में गंदला पानी पहुंच रहा है तो कुछ इलाके में बेस्वाद पानी दिया जा रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों से पानी के स्वाद को लेकर शिकायत मिल रही है। पानी में क्लोरीन की मात्रा कम थी। अब क्लोरीन बढ़ा दी गई है।

विद्युत फीडर की तरह छोटे किए जाएं जोन

अरसा पहले पुराने बारां शहर में सब्जीमंडी क्षेत्र की एक मात्र बड़ी टंकी थी। इसी से मंडोला वार्ड, श्रीजी चौक, मुरलीजी मंदिर, चौमुखा बाजार, श्योपरियान बस्ती, तालाब पाड़ा, चुड़ी बाजार, सदर बाजार, शास्त्री मार्केट, इंदिरा मार्केट व गढ़ कॉलोनी आदि पुरानी बारां का इलाका जुड़ा हुआ था। उसके बाद सब्जी मंडी और अब शाहाबाद दरवाजा क्षेत्र में टंकी बन गई। इस तरह पुरानी बारां के उक्त इलाके के लिए तीन टंकियां हो गई, लेकिन वितरण क्षेत्र का उचित निर्धारण नहीं हुआ। विद्युत फीडर छोटे किए जाने की तरह ही पेयजल वितरण के भी छोटे जोन बनाने की जरूरत है। अब नए इलाकों में तो टंकीवार जोन बनाए जा रहे है।

पुराने बारां शहर में अमृत योजना के तहत किया जाना था, लेकिन नगरपरिषद में पूर्व बोर्ड के समय खुदाई और लाइन बिछाने को लेकर जरूरी सहयोग नहीं मिलने से काम अधूरे रह गए।
प्रमोद झालानी, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग


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