
बरेली। विधवा पेंशन योजना में अपात्रों की भरमार और फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को एक विधवा महिला के कलक्ट्रेट पहुंचकर खुद को मृत दिखाए जाने की शिकायत पर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) मोनिका राणा के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करते हुए महिला कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
भुता ब्लॉक के अहिरौला गांव की विद्या देवी ने डीएम को बताया कि पति की मौत के बाद उसे विधवा पेंशन मिल रही थी, लेकिन विभागीय पोर्टल पर उसे मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई। शिकायत सुनकर डीएम अविनाश सिंह ने डीपीओ को तत्काल जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया।
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि 56 अपात्रों के खातों में करीब 1.23 करोड़ रुपये विधवा पेंशन के नाम पर भेजे गए। इस खुलासे ने न केवल महिला कल्याण विभाग बल्कि जिला प्रशासन की मॉनीटरिंग व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इस तरह के 11 से अधिक मामले पहले भी डीएम के संज्ञान में आ चुके हैं।
एसडीएम आंवला विदुषी सिंह ने बताया कि पूर्व जांच में 70 से 80 सुहागिनों के नाम पर विधवा पेंशन का घोटाला सामने आया था। वसूली के लिए आरसी जारी की जा चुकी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि सत्यापन करने वाले अधिकारी कौन थे। एसडीएम ने ब्लॉक और डीपीओ कार्यालय से कई बार पत्राचार कर विवरण मांगा, पर जवाब नहीं मिला। उन्होंने माना कि साक्ष्यों के अभाव में जांच अधूरी है।
डीएम अविनाश सिंह ने कहा, विद्या देवी को मृत दिखाकर पेंशन रोकने की जांच एडीएम सिटी को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीपीओ की कार्यशैली उचित नहीं पाई गई है, इसलिए उनके विरुद्ध शासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
जिले में लगभग 97 हजार महिलाओं को विधवा पेंशन दी जा रही है। मई माह में ही 61 सुहागिनों के नाम पर विधवा पेंशन लेने का मामला सामने आया था। आलमपुर जाफराबाद की जेठानी–देवरानी दोनों छह वर्षों से पेंशन ले रही थीं, जबकि दोनों के पति जीवित हैं। वर्ष 2023 में भी आंवला तहसील क्षेत्र में 34 सुहागिनों के नाम से पेंशन जारी होने का खुलासा हुआ था, जिसकी जांच आज तक अधूरी है।
Published on:
07 Nov 2025 10:51 am
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