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10 साल पहले आज ही के दिन वरुण गांधी गए थे जेल, जानिए क्या थी वजह

इस चुनाव में वरुण गांधी की छवि फायरब्रांड हिन्दू नेता की बन गई थी।

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पीलीभीत। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के पुत्र और सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी को चुनाव मैदान में उतारा है। वरुण गांधी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव भी पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से लड़ा था और भारी मतों से जीत प्राप्त की थी। हालाँकि इस दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में वरुण गाँधी को जेल भी जाना पड़ा था। वरुण गांधी की गिरफ्तारी के समय पीलीभीत में जमकर बवाल हुआ था जो आज तक लोगों के जहन में ताजा है। इस चुनाव में वरुण गांधी की छवि फायरब्रांड हिन्दू नेता की बन गई थी।

पहली बार लड़े चुनाव

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने अपने पुत्र वरुण गांधी को भी चुनावी मैदान में उतारा था। मेनका गांधी ने बेटे की लिए पीलीभीत छोड़ कर आंवला से चुनाव लड़ा था। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद वरुण गांधी ने चुनावी सभाओं को संबोधित करना शुरु कर दिया। उनकी टक्कर उनके रिश्ते के मामा और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक वीएम सिंह से थी। ऐसे में वे चुनावी माहौल को अपने पक्ष में नहीं कर पा रहे थे। इसी बीच किसी कार्यकर्ता ने उनसे कानाफूसी की बस फिर क्या था वरुण गांधी के भाषणों के तेवर बदल गए और उन्होंनें बरखेड़ा व शहर की दो सभाओं में एक वर्ग विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया। मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद देश भर में ये मामला तूल पकड़ गया। पूरे देश की मीडिया ने पीलीभीत में आकर डेरा डाल दिया। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण के मुकदमे दर्ज किए।

जमकर हुआ बवाल

मुकदमें दर्ज होते ही पुलिस ने उनकी तलाश शुरु कर दी। इस मामले में लापरवाही बरतने पर पीलीभीत के तत्कालीन जिलाधिकरी और पुलिस अधीक्षक को दोषी मानकर तत्काल प्रभाव से यहां से हटा दिया गया। उनके स्थान पर पूर्व में तैनात रह चुके डीएम अजय चौहान और एसपी प्रकाश डी को पीलीभीत भेजा गया। 28 मार्च 2009 को वे पूरे लाव लश्कर के साथ आत्म समर्पण करने को कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस जैसे ही उन्हें अभिरक्षा में लेकर जेल जा रही थी कि भीड़ उग्र हो गई और भीड़ ने उसी वाहन को कब्जे में ले लिया जिसमें वे सवार थे। भीड़ को हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। किसी तरह पुलिस ने वरुण गांधी को जेल तक पहुंचाकर अंदर किया कि फिर क्या था भीड़ एक बार फिर उग्र हो गई। भीड़ ने पथराव शुरु कर दिया, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। जवाब में एएसपी डीके चौधरी ने लाठी चार्ज के बाद आंसू गैस के गोले छोड़कर बमुश्किल हालात को काबू में किया।कुछ दिन पीलीभीत जेल में रखने के बाद वरुण को सुरक्षा के लिहाज से एटा जिला कारागार भेज दिया गया।

एक बार फिर की वापसी

अगले चुनाव में वे इस सीट को छोड़कर सुल्तानपुर चले गए और अब पुन: एक बार फिर दोनों मां बेटों ने अपनी सीटों की अदला बदली कर ली। इस बार वरुण गांधी कट्टर हिंदुत्व के चेहरे के साथ नहीं बल्कि अपनी पार्टी का नारा सबका साथ सबका विकास की तरजीह पर चुनाव लडऩे 29 मार्च को पीलीभीत पहुचं रहे हैं।


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