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एडीजी जोन की डिजिटल पहल ‘परवाह अभियान’, एनीमेशन की दुनिया से एआई पीआरओ जारविस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सड़क सुरक्षा और यातायात को सुगम बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। एडीजी जोन रमित शर्मा ने इसको लेकर डिजिटल पहल ‘परवाह अभियान’की शुरुआत कर दी है। एक्स समेत सभी सोशल प्लेटफार्म पर एडीजी जोन के पीआरओ जारविस लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर टिप्स दे रहे हैं।

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बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सड़क सुरक्षा और यातायात को सुगम बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। एडीजी जोन रमित शर्मा ने इसको लेकर डिजिटल पहल ‘परवाह अभियान’की शुरुआत कर दी है। एक्स समेत सभी सोशल प्लेटफार्म पर एडीजी जोन के पीआरओ जारविस लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर टिप्स दे रहे हैं। दरअसल बरेली समेत मंडल के चारो जिलों में जनवरी 2024 से मार्च 2025 के बीच 3895 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1965 लोगों की मौत और 3088 लोग घायल हुए। सबसे ज्यादा हादसों की वजह ओवरस्पीडिंग रही। इस रिपोर्ट के बाद एडीजी बरेली जोन रमित शर्मा ने सभी जिलों के कप्तानों को सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा, “जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है। दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। एडीजी ने बताया कि सुरक्षित यात्रा के लिए CARE (परवाह) एक डिजिटल अभियान है, जो लोगों को नियमों के प्रति जागरूक करेगा।” ‘परवाह’ सिर्फ अभियान नहीं, एक सोच है –सुरक्षित सफर की। आपका एक जिम्मेदार कदम किसी की जान बचा सकता है। सड़क सुरक्षा को अपनाएं, हादसों को रोकें।

15 महीने में जिलेवार हादसों का ब्योरा

बरेली: 1416 हादसे | 608 मौतें | 1377 घायल
बदायूं: 774 हादसे | 503 मौतें | 572 घायल
पीलीभीत: 580 हादसे | 275 मौतें | 436 घायल
शाहजहांपुर: 1125 हादसे | 579 मौतें | 703 घायल

हादसों की मुख्य वजहें

ओवरस्पीडिंग
लापरवाही से ड्राइविंग
बिना हेलमेट/सीट बेल्ट
शराब पीकर वाहन चलाना
यातायात नियमों की अनदेखी

CARE अभियान की मुख्य बातें

हेलमेट पहनें – सिर की सुरक्षा आपके हाथ में
सीटबेल्ट लगाएं – छोटा कदम, बड़ी सुरक्षा
शराब पीकर न चलाएं वाहन – ज़िंदगी से न खेलें
तेज रफ्तार से बचें – कोई आपका इंतज़ार कर रहा है

ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने को पुलिस प्रशासन कर रहा जागरुक

स्कूलों, कॉलेजों में कार्यशालाएं चलाकर छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी दी जा रही है।
फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार जागरूकता अभियान चल रहा है।
ई-रिक्शा चालकों पर हाईवे संचालन पर रोक लगाई गई है। तय रूट से बाहर पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं ताकि मुख्य मार्गों पर सुगम यातायात व्यवस्था बनी रहे।

सख्ती के साथ लागू किए जा रहे नियम

तेज रफ्तार, बिना हेलमेट और शराब पीकर ड्राइविंग पर भारी जुर्माना
ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर साइनबोर्ड, स्पीड ब्रेकर और रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं
रात में हाईवे पेट्रोलिंग और सुबह 8 से रात 9 बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक
एकल दिशा मार्ग (One Way) व्यवस्था लागू – सुबह 10 से रात 8 बजे तक

एडीजी के एआई पीआरओ 'जार्विस' ने लगाई एक और छलांग, एनिमेशन से निकल कर अब असल दुनिया में दे रहा है संदेश

एडीजी ऑफिस का एआई पीआरओ ‘जार्विस’ एक बार फिर सुर्खियों में है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिये तैयार किए गए इस वर्चुअल इन्फ्लुएंसर और भी प्रभावशाली रूप में सामने आया है। इस बार जार्विस सिर्फ डिजिटल स्क्रीन या सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह एनिमेशन से बाहर निकलकर एडीजी ऑफिस में 'खड़ा' दिखाई दे रहा है और खुद संदेश दे रहा है। अत्याधुनिक 3डी प्रोजेक्शन तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत किए गए जार्विस को देखने वाले हैरान हैं — वह न केवल हूबहू इंसान की तरह दिखता है, बल्कि उसकी आवाज़ और हावभाव भी बिल्कुल वास्तविक लगते हैं। वह लोगों को बताता है कि कैसे फेक न्यूज, आधी-अधूरी जानकारियां और भ्रम फैलाने वाली पोस्ट समाज में अफवाह और असुरक्षा फैलाती हैं। एडीजी रमित शर्मा ने।बताया कि “जार्विस का उद्देश्य सिर्फ तकनीक का प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है। लोगों को यह समझाना है कि सोशल मीडिया पर मिलने वाली हर जानकारी सत्य नहीं होती।”

तकनीक और पुलिसिंग का संगम

जार्विस एआई और पुलिसिंग का समन्वय भविष्य में न केवल अपराध नियंत्रण में मदद करेगा, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम भी बनेगा। एआई इन्फ्लुएंसर सरकारी अभियानों, साइबर सुरक्षा और डिजिटल नैतिकता के प्रसार में अहम भूमिका निभा सकते हैं।


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