
air comodor m.ranaday
बरेली। त्रिशूल एयरफोर्स स्टेशन की कमान अब एयर कमोडोर एम. रानाडे संभालेंगे। सोमवार को एयर कमोडोर आईएस वालिया ने वायुसेना स्टेशन बरेली की कमान एम रानाडे को सौंपी। इस मौके पर स्टेशन पर एक शानदार परेड आयोजित की गई।
1986 में मिला कमीशन
एयर कमोडोर एम. रानाडे ने 06 दिसंबर 1986 को एक फाइटर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त किया था। फाइटर काॅम्बैट लीडर एयर कमोडोर रानाडे स्टाफ काॅलेज फ्रांस से स्नातकोत्तर हैं। वे नेशनल डिफेंस काॅलेज, नई दिल्ली के शिक्षार्थी रहे हैं।
कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला
अपनी सेवा के दौरान अग्रिम क्षेत्र में वायुबेस की कमान संभाल चुके एयर कमोडोर एम. रानाडे भारतीय दूतावास एवं काबुल अफगानिस्तान में अटैच रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त इन्होंने अग्रिम क्षेत्र में फाइटर स्क्वाडन की कमान संभालने के साथ-साथ कई महत्पूर्ण स्टाफ एवं आॅपरेशनल जिम्मेदारियों का भी निर्वहन किया है।
वायुसेना पदक से सम्मानित
वीरता के लिए वायु सेना पदक से अलंकृत एयर कमोडोर एम. रानाडे को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए वायुसेना प्रमुख द्वारा एवं एयर आॅफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, द्वारा प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है।
सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है त्रिशूल एयरबेस
वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद मध्य क्षेत्र में वायु सेना बेस स्थापित करने की जरूरत महसूस की गई। ताकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को वायु रक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ उत्तरी उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में थल सेना के यूनिटों को भी वायु सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसी उद्देश्य से 14 अगस्त 1963 को वायु सेना स्टेशन बरेली की स्थापना की गई। इस वायु सेना बेस का मुख्य लक्ष्य सर्विलांस, दुर्घटना के दौरान राहत एवं बचाव कार्याें के साथ-साथ सैन्य यूनिटों को लाॅजिस्टिक सपोर्ट भी देना है। वायु सेना स्टेशन बरेली, भारतीय वायु सेना की एक महत्वपूर्ण वायु सेना बेस है जो देश के सभी प्रकार की वायु सैन्य चुनौतियों से निपटने को तत्पर है।
Published on:
09 Jan 2018 11:45 am
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