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आजम खां के रिश्तेदार को हाईकोर्ट की राहत, एवान-ए-फरहत पर डेढ़ माह तक नहीं चलेगा बीडीए का बुलडोजर

सूफीटोला स्थित एवान-ए-फरहत बरातघर पर चली बीडीए की बुलडोजर कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए डेढ़ माह के लिए रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि याचिकाकर्ता को वैधानिक उपाय अपनाने का पूरा अवसर दिया जाएगा और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक बीडीए कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा।

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बरेली। सूफीटोला स्थित एवान-ए-फरहत बरातघर पर चली बीडीए की बुलडोजर कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए डेढ़ माह के लिए रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि याचिकाकर्ता को वैधानिक उपाय अपनाने का पूरा अवसर दिया जाएगा और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक बीडीए कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा।

आजम खां के रिश्तेदार बरातघर संचालक सरफराज वली खां की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि बीडीए ने न तो कोई नोटिस दिया और न ही ध्वस्तीकरण का वैध आदेश दिखाया। इसके बावजूद अचानक भारी पुलिस बल के साथ बुलडोजर चलवा दिया गया। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि बीडीए जिस 2011 के आदेश का हवाला देकर कार्रवाई कर रहा था, वह आदेश न उन्हें कभी दिखाया गया और न ही कोर्ट में पेश किया गया।

हाईकोर्ट ने कहा पहले मौका दो, फिर कार्रवाई

दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता को नियमन और कंपाउंडिंग का अवसर दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने आदेश दिया कि बरातघर मालिक 15 दिन में कंपाउंडिंग का आवेदन दें, बीडीए 6 सप्ताह में आवेदन का निस्तारण करे और इस अवधि में संपत्ति पर यथास्थिति बनी रहे, वहीं बीडीए कोई भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं करेगा।

संचालक पक्ष ने कहा 2011 का आदेश कभी दिखाया ही नहीं गया

बरातघर संचालक के अधिवक्ता वैभव माथुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई में यह स्पष्ट हो गया कि बीडीए जिस पुराने आदेश पर कार्रवाई कर रहा था, वह दस्तावेज न हमारे पास था, न कोर्ट में उपलब्ध कराया गया। हाईकोर्ट ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए बुलडोजर पर रोक लगा दी।

बीडीए बोला- नक्शा पास नहीं था, कई नोटिस दिए

बीडीए की ओर से कोर्ट में कहा गया कि बरातघर बिना स्वीकृत नक्शे के संचालित किया जा रहा था। 2011 में नोटिस भेजे गए थे, लेकिन संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने कहा कि कंपाउंडिंग के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। एवान-ए-फरहत बरातघर विवाद में हाईकोर्ट का ये आदेश फिलहाल संचालक के लिए बड़ी राहत है, जबकि बीडीए को अब कानूनी दायरे में रहकर आगे की कार्रवाई करनी होगी।