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Sawan में Bankhandi Mahadev के दर्शन से पूरी होती हैं मनोकामना !

Sawan में लगती है भीड़, कभी Bankhandi Mahadev Shiv Mandir में बहती थी गंगा अब है सूखा स्थान

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Santosh Pandey

Jul 15, 2017

bareilly news in hindi

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बरेली। Sawan - सुरमे-झुमके के लिए जाना जाने वाले बरेली शहर को नाथ नगरी भी कहा जाता है। शहर की चारों दिशाओं में भगवान शिव के मंदिर स्थापित है जिसके कारण बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है। इन्ही में से एक मंदिर है श्री वनखंडी नाथ मंदिर। पूरब दिशा में जोगी नवादा में स्थित श्री वनखंडी नाथ मंदिर (Bankhandi Mahadev Mandir ) शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है और इसका संबंध द्वापर युग से है। इस मंदिर में अनेक साधू संतों ने कठोर तपस्या की है जिसका प्रमाण यहाँ साधू-संतों की बनी समाधियां हैं। पुराने समय में यहाँ गोपालन अनिवार्य था जिसके कारण मंदिर परिसर में गौशाला बनी हुई है।

द्रोपदी ने की प्राण प्रतिष्ठा

राजा द्रुपद की पुत्री व पांडवों की पत्नी द्रोपदी ने अपने राजगुरु द्वारा यहाँ शिवलिंग की विधिवत पूजा अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय यहाँ गंगा अविरल बहती थी लेकिन आज इस स्थान पर सूखा तालाब शेष है। मुस्लिम शासकों ने द्वापर युग के इस मंदिर को नष्ट करने की कई बार कोशिश की लेकिन भगवान शिव की शक्ति के आगे उनकी एक न चली। कहा जाता है कि आलमगीर औरंगजेब के सिपाहियों ने मंदिर के शिवलिंग को उखाड़ने के लिए जंजीरों से बाँध कर दो दो दो हाथियों से जोर लगवाया। लेकिन शिवलिंग उखड़ना तो दूर अपनी जगह से हिला तक नहीं। मुल्सिम शासकों द्वारा वन में स्थित इस मंदिर को खंडित करने की कोशिश के कारण ही मंदिर का नाम वनखंडी नाथ मंदिर पड़ा। इस पावन क्षेत्र में साधू संतों ने कठोर तपस्या की है अनेक बाबाओं की बनी समाधियां इस बात का प्रमाण है। मंदिर परिसर में काल भैरव का मंदिर भी है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ भैरव जी चैतन्य अवस्था में है। इस क्षेत्र में गोपालन अनिवार्य था जिसके कारण यहाँ आज भी गौशाला है जिसमे गायों की सेवा की जाती है। मंदिर का संचालन दशनाम जूना अखाड़ा करता है।

सावन में लगती है भीड़

वैसे तो इस मंदिर में सभी दिन भारी तादात में भक्त दर्शन के लिए आते है लेकिन सावन में यहाँ का नजारा ही कुछ और होता है। मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की लम्बी-लम्बी कतारें लगती है साथ ही कांवड़ियें भी गंगा नदी से जल लाकर यहाँ पर जलाभिषेक करते है।