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कंगाल हुआ बरेली कॉलेज, केमिकल खरीदने तक के लिए नहीं रुपये, केमिस्ट्री लैब में रिजर्व केमिकल्स का हो रहा इस्तेमाल, जानें वजह

बरेली कॉलेज की रसायन विज्ञान प्रयोगशाला जल्द ही केमिकल की कमी से जूझने वाली है। फिलहाल छात्र-छात्राएं प्रयोगों के लिए रिजर्व में रखे केमिकल्स का उपयोग कर रहे हैं।

बरेलीOct 23, 2024 / 11:10 am

Avanish Pandey

बरेली। बरेली कॉलेज की रसायन विज्ञान प्रयोगशाला जल्द ही केमिकल की कमी से जूझने वाली है। फिलहाल छात्र-छात्राएं प्रयोगों के लिए रिजर्व में रखे केमिकल्स का उपयोग कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा कॉलेज के बैंक खाते सीज कर दिए जाने से नए केमिकल्स की खरीदारी नहीं हो पा रही है। इसके चलते न केवल रसायन विज्ञान विभाग बल्कि अन्य शैक्षिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।
रसायन विज्ञान में स्नातक प्रथम सेमेस्टर के 880 गणित और 760 जीव विज्ञान के छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। सभी सेमेस्टरों को मिलाकर यह संख्या लगभग ढाई हजार से अधिक है। परास्नातक के 54 छात्र-छात्राएं भी इस विभाग में पढ़ रहे हैं। विभाग में कुल 24 पद हैं, जिनमें 17 शिक्षक तैनात हैं। इसके अलावा विभाग में चार लैब असिस्टेंट और पांच लैब सहायक (बेयरर) भी काम कर रहे हैं।

फिलहाल लैब में रिजर्व केमिकल्स से किए जा रहे प्रयोग

रसायन विज्ञान विभाग के वर्तमान शैक्षिक सत्र में केमिकल्स की भारी कमी हो गई है, जिसके कारण विद्यार्थी रिजर्व केमिकल्स से काम चला रहे हैं। कॉलेज प्रशासन के अनुसार, नगर निगम द्वारा खाते सीज किए जाने के कारण प्रयोगशाला में आवश्यक केमिकल्स की आपूर्ति ठप हो गई है। शिक्षक चिंता जता रहे हैं कि यदि जल्दी खाते संचालन की अनुमति नहीं मिली, तो आगामी सेमेस्टर में विद्यार्थियों के प्रयोग कक्षाएं बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं।
विभागाध्यक्ष प्रो. पी.बी. सिंह ने बताया कि वर्तमान में बफर स्टॉक से ही स्नातक और परास्नातक छात्रों के प्रयोग कराए जा रहे हैं, लेकिन यह स्थिति अगले सेमेस्टर तक बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। प्राचार्य प्रो. ओ.पी. राय ने कहा कि नगर निगम को खाते खोलने के लिए फिर से रिमाइंडर भेजा जाएगा ताकि इस समस्या का शीघ्र समाधान हो सके।

लैब के रखरखाव की स्थिति दयनीय

रसायन विज्ञान विभाग में स्नातक और परास्नातक की प्रयोगशालाएं पांच अलग-अलग भवनों में संचालित होती हैं। इनमें से अधिकांश भवन लंबे समय से मरम्मत न होने के कारण जर्जर हो चुके हैं। स्नातक प्रयोगशाला की दीवारों का प्लास्टर सीलन के कारण कई जगह से गिर चुका है, जबकि जिस स्थान पर केमिकल्स रखे हैं, वहां भी नमी बनी रहती है।

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