
बरेली। जानलेवा हमले के मामले में गवाही के लिए तलब किए गए दरोगा को कोर्ट में पेश करने के बजाय, आरआई (रिजर्व इंस्पेक्टर) ने उसे दूसरी जगह ड्यूटी पर भेज दिया। जब कोर्ट ने आरआई को समन भेजकर तलब किया, तो आरआई ने दरोगा पर लापरवाही का आरोप लगाया, लेकिन कोर्ट में रिकॉर्ड चेक करने पर स्वयं आरआई ही दोषी पाए गए। इस पर अपर सत्र न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने एसएसपी को आरआई हरमीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
साल 2022 में बरेली के थाना किला में सुमित, जगपाल उर्फ जगतपाल और अन्य के खिलाफ वसूली, जानलेवा हमला, धमकी देने और आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस केस के गवाह दरोगा रिंकू कुमार को अदालत ने गवाही के लिए समन भेजा था, लेकिन दरोगा अदालत में हाजिर नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने आरआई को सभी रिकॉर्ड के साथ समन भेजकर पेश होने के निर्देश दिए थे।
आरआई ने कोर्ट को बताया कि दरोगा रिंकू को 12 अक्टूबर को ही समन तामील करा दिया गया था और गवाही 17 अक्टूबर को होनी थी। लेकिन दरोगा ने कोर्ट में उपस्थित होने के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली, न ही इस बारे में गणना कार्यालय को सूचित किया। इस वजह से उसकी ड्यूटी किसी अन्य स्थान पर लगा दी गई थी।
दरोगा रिंकू ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि 17 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन उनकी ड्यूटी जिला कारागार बरेली से तीन अभियुक्तों को पीलीभीत न्यायालय में पेश करने के लिए लगा दी गई थी। इस कारण वह अदालत में हाजिर नहीं हो सके। कोर्ट ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि गवाह को गवाही के लिए निर्देशित करना आरआई की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई है।
Published on:
09 Nov 2024 11:39 am
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