
मुख्य अभियंता ने किया बिजली घर का निरीक्षण
बरेली। सुभाषनगर और मढ़ीनाथ क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती और बार-बार की ट्रिपिंग अब इतिहास बनने वाली है। वर्षों से ओवरलोड की मार झेल रहे सुभाषनगर उपकेंद्र का लोड कम करने के लिए करगैना के समीप बन रहा नया बिजलीघर अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। विद्युत विभाग का दावा है कि इसी माह के अंत तक इसे ऊर्जीकृत कर दिया जाएगा, जिससे करीब 30 हजार उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
गर्मी आते ही बिजली संकट से कराह उठने वाले सुभाषनगर और मढ़ीनाथ के मुहल्लों में अब हालात बदलने जा रहे हैं। अब तक इन क्षेत्रों को 14 किलोमीटर दूर दोहना बिजलीघर से आपूर्ति दी जा रही थी, जिसके चलते लो वोल्टेज और बार-बार फाल्ट आम बात थी। बदायूं रोड स्थित नए ट्रांसमिशन उपकेंद्र के चालू होने से समस्या कुछ हद तक जरूर कम हुई, लेकिन सुभाषनगर और मढ़ीनाथ उपकेंद्र अब भी ओवरलोड चल रहे थे।
करगैना में नए बिजलीघर के निर्माण की योजना कई सालों से फाइलों में अटकी हुई थी। जिस जमीन पर उपकेंद्र बनना था, वह पहले पुलिस विभाग को थाना निर्माण के लिए आवंटित थी। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा, शासन स्तर पर मंथन हुआ और महीनों की मशक्कत के बाद आखिरकार जमीन विद्युत विभाग को मिली। इसके बाद निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ी। रविवार को मुख्य अभियंता जोन प्रथम ज्ञान प्रकाश ने निर्माणाधीन बिजलीघर का निरीक्षण किया और साफ शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ठेकेदार पर दबाव बनाकर इस माह के अंत तक हर हाल में कार्य पूरा कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए उपकेंद्र पर बीडीए-1 और बीडीए-2 फीडरों का पूरा लोड स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि मढ़ीनाथ उपकेंद्र के कुछ फीडर भी इसी बिजलीघर से जोड़े जाएंगे।
मुख्य अभियंता ने दावा किया कि नए बिजलीघर के चालू होते ही सुभाषनगर और मढ़ीनाथ क्षेत्र में लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या खत्म हो जाएगी। गर्मी के दिनों में उपभोक्ताओं को बिजली संकट से नहीं जूझना पड़ेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर के सभी उपकेंद्रों को दोहरी लाइन से जोड़ दिया गया है, ताकि एक लाइन में फाल्ट आने पर तुरंत दूसरी लाइन से आपूर्ति बहाल की जा सके। साथ ही उपभोक्ताओं से समय पर बिल जमा करने और बिजली चोरी रोकने में सहयोग की अपील की गई। सुभाषनगर और मढ़ीनाथ के उपभोक्ताओं के लिए यह बिजलीघर सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि सालों की परेशानी से मुक्ति की उम्मीद बनकर सामने आया है।
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Updated on:
15 Dec 2025 04:52 pm
Published on:
15 Dec 2025 04:51 pm
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