
बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की ओर से दरगाह आला हजरत स्थित ग्रैंड मुफ्ती हाउस में शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि 26 जनवरी देश के लिए जश्न का दिन है। संविधान अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के लिए बड़ी नेमत है। यह देश की एकता और अखंडता की गारंटी है।
मौलाना ने तमाम मुस्लिम संस्थाओं द्वारा स्थापित स्कूल-कॉलेज और मदरसों के जिम्मेदारों से अपील करते हुए कहा कि हर बच्चे को भारतीय संविधान पढ़ाया जाए ताकि नई पीढ़ी ये जान सके कि संविधान ने नागरिकों को क्या-क्या अधिकार दिए हैं। किस तरह से हमें आजादी हासिल है। मदरसों के छात्र इस तरह की किताब नहीं पढ़ पाते हैं। उनको जानकारी नहीं मिल पाती है, इसलिए मदरसों में संविधान का पढ़ाया जाना बहुत जरूरी है।
मौलाना हाशीम रजा खां ने कहा कि भारत विकास और विश्व नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। इसलिए इसकी महत्वाकांक्षाओं और घरेलू असंगतियों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है। नए विवाद धार्मिक समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये मुद्दे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से ध्यान आकर्षित करते हैं और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। इस्लामिक रिसर्च सेंटर के उप निदेशक आरिफ अंसारी ने कहा कि सामाजिक टकराव और विभाजन को कम करने के तरीके के रूप में भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं, समावेशिता और विविध मान्यताओं के सम्मान पर फिर से जोर देना चाहिए।
हाजी नाजिम बेग ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भय या पूर्वाग्रह के अपने चुने हुए धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। बढ़ती विभाजनकारी चुनौती से निपटने के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
Published on:
24 Jan 2025 03:11 pm
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