
बरेली। अब शहर की अवैध बिल्डिंगो पर बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के बुल्डोजर का पंजा चलने वाला है। बीडीए सचिव के मुताबिक महायोजना के तहत बनाए गए मास्टर प्लान में शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर बिना मानचित्र व नक्शे के विपरीत बने भवनों का सर्वे कराकर चिह्निकरण कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में अगर बिल्डिंग अवैध पाई जाती है तो उस पर बुल्डोजर चलाकर तोड़ दिया जाएगा।
चुनाव घोषणा के ठीक 1 दिन पहले ही लागू की गई महायोजना-2031
लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक 1 दिन पहले ही बीडीए ने शहर के आगामी 10 वर्ष के विकास को गति देने के लिए महायोजना-2031 लागू की थी। महायोजना में शहर के 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर व्यावसायिक गतिविधि बढ़ाने की छूट देने और शाहजहांपुर मार्ग से ग्रीन बेल्ट हटा दिया था। परसाखेड़ा में नए ट्रांसपोर्ट नगर, बदायूं रोड समेत कई मार्ग पर अन्य आवासीय योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्लान तैयार किया। इस बीच 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। इससे मास्टर प्लान का क्रियान्वयन ढंग से नहीं हो पा रहा था। मास्टर प्लान में भू-उपयोग परिवर्तित होने के बाद 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर बने व्यावसायिक व आवासीय भवनों की कंपाउंडिंग पर बल दिया जाएगा। इसके लिए छह अलग-अलग टीमें भी गठित कर दी हैं।
200 करोड़ से अधिक की होगी आय, विकास पर लगेगा धन
बीते दिनों हाई कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने ऐसे भवन, जिनका नक्शा पास कराने के बाद 10 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्से का विकास करते थे उनकी कंपाउंडिंग पर रोक लगा दी थी। मानचित्र के विपरीत बनने वाले भवनों पर सख्ती से रोकथाम के निर्देश दिए थे। इससे ऐसे भवनों की कंपाउंडिंग पर ग्रहण लग गया। बीडीए अफसरों के अनुसार शहर में ऐसे भवनों की बड़ी संख्या होने से 200 करोड़ से अधिक की आय होने की संभावना है। महायोजना में शाहजहांपुर रोड पर लगे 80 मीटर ग्रीन बेल्ट को हटा दिया है। बड़ा बाइपास पर ग्रीनबेल्ट का दायरा 100 मी. से घटाकर 30 मी कर दिया है। अधिकारियों के अनुसा एक माह में इन दोनों मार्ग से मानचित्र व कंपाउंडिंग की जानकारी करने लोग बीडीए पहुंच रहे हैं।
महायोजना की खास बात
क्षेत्रवार बनाई गई 6 टीमें
बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि महायोजना-2031 लागू हो गई है। इसमें कई मार्गों पर लैंड-यूज परिवर्तित हुआ है। पहले चरण में ऐसे भवन, जिनका जितने हिस्से का नक्शा स्वीकृत हो सकता है, उनकी कंपाउंडिंग पर फोकस कर रहा है। इन भवनों पर नगरीय प्रभार शुल्क लगाकर कंपाउंडिंग की जाएगी। इसके लिए क्षेत्र-वार अलग-अलग छह टीमें बनाई गई हैं।
Published on:
12 May 2024 12:28 pm
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