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चमक-दमक के पीछे छिपा था ठगी का अड्डा… कन्हैया गुलाटी पर 800 करोड़ की 18वीं एफआईआर दर्ज

युवाओं को शेयर और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करोड़पति बनाने का सपना दिखाने वाला कैनविज ग्रुप असल में एक सुनियोजित लूट मशीन निकला। कंपनी के मालिक कन्हैया गुलाटी और उसके गिरोह के खिलाफ बारादरी पुलिस ने करीब 800 करोड़ रुपये की महाठगी में अब तक की सबसे बड़ी एफआईआर दर्ज की गई है।

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ठग कन्हैया गुलाटी

बरेली। युवाओं को शेयर और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करोड़पति बनाने का सपना दिखाने वाला कैनविज ग्रुप असल में एक सुनियोजित लूट मशीन निकला। कंपनी के मालिक कन्हैया गुलाटी और उसके गिरोह के खिलाफ बारादरी पुलिस ने करीब 800 करोड़ रुपये की महाठगी में अब तक की सबसे बड़ी एफआईआर दर्ज की गई है।

कैनविज ग्रुप ने बरेली समेत कई जिलों में चमचमाते दफ्तर, बड़े-बड़े होर्डिंग, होटल और मैरिज हॉल में भव्य सेमिनार कर लोगों को भरोसे में लिया। युवाओं को बताया गया कि पैसा लगाओ, हर महीने तय मुनाफा पाओ और 22 महीने में रकम दोगुनी। इसी लालच में हजारों लोग जाल में फंसते चले गए। चौंकाने वाली बात यह है कि इसी शातिर ठग के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने में 18 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

घर-घर एजेंट, युवाओं पर सीधा हमला

शाहजहांपुर के विरेंद्र प्रताप ने बारादरी थाने में दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि कंपनी ने घर-घर एजेंट भेजकर खासतौर पर युवाओं को निशाना बनाया। किसी ने 25 हजार, तो किसी ने 25 लाख रुपये तक झोंक दिए। सिर्फ नगर पंचायत बंडा (शाहजहांपुर) से ही करीब 5 करोड़ रुपये कैनविज में फंस गए। शुरुआत में कुछ महीनों तक भुगतान कर भरोसे की नींव रखी गई, लेकिन मई 2025 से अचानक भुगतान बंद कर दिया गया। मूलधन लौटाने के नाम पर दिए गए चेक बैंक पहुंचते ही बाउंस होने लगे। कहीं खाते बंद, तो कहीं बैलेंस शून्य है।

दफ्तर गायब, आरोपी फरार, पीड़ितों सपने टूटे

अब न कंपनी का दफ्तर है, न कोई जिम्मेदार। कन्हैया गुलाटी और उसका पूरा गिरोह फरार है। निवेशकों को आशंका है कि करोड़ों रुपये विदेश भेज दिए गए हैं। टैक्स और टीडीएस तक जमा नहीं किया गया। यह सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के सपनों की हत्या है। कई लोगों ने घर गिरवी रखकर, बैंक और फसल ऋण लेकर निवेश किया था। अब किस्तें नहीं भर पा रहे, बैंक नोटिस भेज रहे हैं, घरों में तनाव और हताशा पसरी है। कई पीड़ित खुलकर कह रहे हैं कि हम पूरी तरह टूट चुके हैं।

पुलिस हरकत में, एसआईटी गठित

बढ़ते दबाव के बीच एसएसपी अनुराग आर्य ने वीडियो बयान जारी कर कार्रवाई तेज करने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि मामले की गुणवत्तापरक जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर दिया गया है। एसपी यातायात अकमल खान को एसआईटी प्रभारी और एएसपी शिवम आशुतोष को सहयोगी बनाया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दी गई हैं।

कई राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे

एसएसपी के मुताबिक कन्हैया गुलाटी, उसके परिवार और साथियों पर झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। कुछ पुराने मामलों में एफआर लगी, लेकिन इस साल शिकायतों की बाढ़ आ गई। हाल ही में बारादरी समेत कई थानों में 18 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है ताकि आरोपी देश छोड़कर न भाग सके। एसआईटी ने विवेचनाओं की समीक्षा शुरू कर दी है और फोकस सीधे गिरफ्तारी पर है।

नई-नई स्कीमें, एक ही मकसद… लूट

जांच में खुलासा हुआ है कि कैनविज ने फैमिली इंडिपेंडेंस मैजिक इनकम जैसी कई योजनाएं चलाईं। ढाई साल तक हर माह दो-तीन हजार रुपये देने का वादा किया गया। शुरुआत में एक-दो महीने भुगतान हुआ, फिर चेक थमाकर पल्ला झाड़ लिया गया। आज हाल यह है कि लोग 35-35 लाख रुपये के बाउंस चेक लेकर थानों के चक्कर काट रहे हैं।


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