14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बुलडोजर, फर्जी मुकदमे और बदनामी का खेल, खानदान-ए-आला हज़रत को घसीटने की साजिश पर सवाल

मोहसिन रज़ा खां रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सफाई देते हुए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि खुद युवक के पिता मुकद्दर ने भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि इस पूरे मामले में मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रजा खां का कोई लेना-देना नहीं है।

3 min read
Google source verification

जानकारी देते मोहसिन हसन खान

बरेली। गुरुवार को एसएसपी कार्यालय के बाहर एक युवक द्वारा जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश किए जाने से हड़कंप मच गया, मामला यहीं नहीं थमा। अगले ही दिन शुक्रवार को युवक के पिता मुकद्दर एसएसपी कार्यालय पहुंचे और अपने ही बेटे व बहु पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रार्थनापत्र दिया। इसी प्रकरण में युवक की बेटी की तहरीर पर इज्जतनगर पुलिस ने मौलाना तौकीर व मन्नान रजा खां उर्फ मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रजा खां सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। एफआईआर दर्ज होते ही मामले ने नया मोड़ ले लिया।

मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रज़ा खां रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सफाई देते हुए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि खुद युवक के पिता मुकद्दर ने भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि इस पूरे मामले में मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रजा खां का कोई लेना-देना नहीं है। मुकद्दर ने साफ कहा यह हमारा घरेलू और पारिवारिक विवाद है, इन लोगों को बेवजह फंसाया जा रहा है। इसके बावजूद आरोप है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत खानदान-ए-आला हज़रत और मसलक-ए-आला हज़रत को बदनाम करने का खेल खेला जा रहा है। बयान में कहा गया कि नवीर-ए-आला हज़रत के दामाद मोहसिन हसन खां को लगातार झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है और एक के बाद एक फर्जी एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं।

खानदान-ए-आला हजरत का बदनाम करने की कोशिश

आरोप है कि हर मामले को जबरन 26 सितंबर 2025 की घटना से जोड़ा जा रहा है और बेवजह मौलाना तौकीर रज़ा खां का नाम घसीटकर पूरे पाक खानदान की छवि धूमिल करने की नापाक कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं, सिविल न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद बीडीए अधिकारियों द्वारा बुलडोजर कार्रवाई की कोशिश को खुली न्यायालय अवमानना बताया गया है। मामले में यह भी आरोप लगाया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 31 मई 2025 के आदेश के तहत 1 दिसंबर 2025 को एक चौथाई धनराशि जमा किए जाने के बावजूद बिजली विभाग द्वारा रिकवरी की धमकियां दी जा रही हैं, जो सीधे तौर पर अदालत के आदेशों की अवहेलना है।

कांग्रेसी अधिवक्ता पर भी गंभीर आरोप

प्रेस बयान में एक कुख्यात गिरोह का भी जिक्र किया गया है, जिसे शहर के एक कांग्रेसी अधिवक्ता द्वारा संचालित बताया गया। आरोप है कि इस गिरोह में हिस्ट्रीशीटर अपराधी और कुछ महिलाएं शामिल हैं, जो झूठे मुकदमों के जरिए अवैध वसूली और बदनामी का धंधा चला रहे हैं। गिरोह का चेहरा बताए गए हिस्ट्रीशीटर नासिर सिद्दीकी (हिस्ट्रीशीट संख्या 442, थाना इज्जतनगर) पर दर्जनों गंभीर मुकदमे दर्ज रह चुके हैं, जो पुलिस जांच और अदालत में पहले ही खारिज हो चुके हैं।

षड्यंत्र रचकर जमीन हड़पने की कोशिश

अब आरोप है कि नासिर सिद्दीकी ने अपने साथी शाकिर बेग पुत्र मुकद्दर बेग के साथ मिलकर नया षड्यंत्र रचा। बताया गया कि शाकिर बेग अपने पिता की जमीन हड़पना चाहता था और जमीन किसी और को बिकने के बाद उसने एसएसपी कार्यालय में जहर खाने का नाटक किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुद मुकद्दर बेग ने एसएसपी को दिए प्रार्थनापत्र में बेटे से जान का खतरा, बंधक बनाने, पत्नी से मारपीट और हत्या की साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।

झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप

इसके उलट, आरोप है कि साजिश के तहत 5 दिसंबर 2025 की शाम करीब 7 बजे शाकिर बेग की बेटी लाइवा के जरिए झूठा मामला दर्ज करा दिया गया। आरोप लगाया गया कि मोहसिन हसन खां व अन्य लोग घर में घुसे और बदसलूकी व छेड़छाड़ की। जबकि बयान में कहा गया है कि उस समय मोहसिन हसन खां अपनी दुकान कटरा मानराय पर मौजूद थे, जिसके सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्ष गवाह मौजूद हैं। इसके बावजूद इस केस में तौकीर रज़ा खां का नाम जोड़ने की कोशिश की गई, जबकि वह जेल में बंद हैं। प्रेस बयान में दो टूक कहा गया कि यह पूरा मामला शाकिर बेग के परिवार का आपसी विवाद है। न जमीन खरीदी गई, न बेची गई और न ही खानदान-ए-आला हज़रत का इस परिवार या जमीन से कोई संबंध है।