
मुख्य आरोपी अबू आमिर, अबू हुरैरा, सईदा खातून, डॉ अबू सईद, सुफियान, उम्मे हबीबा और उम्मे रकीबा (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले एक खतरनाक गिरोह की करतूतें अब परत-दर-परत उजागर हो रही हैं। छांगुर बाबा गिरोह नाम के इस नेटवर्क के खुलासे ने न केवल पुलिस प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। बरेली, लखनऊ, बलरामपुर, अलीगढ़ और कोलकाता समेत पूरे देश में फैले इस नेटवर्क में महिलाओं से लेकर धर्मगुरुओं तक की भूमिका सामने आई है।
लखनऊ निवासी एक युवती को अमित उर्फ अबू आमिर अंसारी ने पहले प्रेम जाल में फंसाया और फिर चांद औलिया दरगाह (मधुपुर) में उससे निकाह कर लिया। पीड़िता के अनुसार इस्लाम कबूल करवाने के बाद उसे अन्य महिलाओं को धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। जब उसने इन कामों से इनकार किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। किसी तरह जान बचाकर भागी यह युवती आज दहशत में जीवन बिता रही है।
धर्मांतरण के जाल में फंसाई गई पीड़िता ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी अमित उर्फ अबू आमिर अंसारी का पूरा परिवार छांगुर बाबा गिरोह की सक्रिय कड़ी रहा है। उसने बताया कि आमिर ही नहीं, बल्कि उसके पिता अबू हुरैरा और मां सईदा खातून भी लंबे समय से इस कट्टरपंथी नेटवर्क के लिए काम कर रहे हैं। यह परिवार पिछले कई वर्षों से हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने, उनका धर्मांतरण कराने और फिर उन्हें गिरोह की गतिविधियों में शामिल कराने जैसे कृत्यों को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दे रहा था। अमित का काम युवतियों को बहलाकर शादी और निकाह के जाल में फंसाना था, जबकि उसके माता-पिता का रोल उससे भी गहरा था।
गंगाशील अस्पताल के पेशेवर डॉक्टर भी इस काले खेल का हिस्सा थे। इन्हीं में से एक है डॉक्टर अबू सईद अंसारी, जो बरेली के गंगाशील अस्पताल में कार्यरत थे। उसका काम गिरोह की साजिश में बेहद अहम था। जैसे ही कोई हिंदू युवक प्रेमजाल में फंसकर इस्लाम कबूल करता या करने के लिए मजबूर किया जाता, सबसे पहले उसका खतना करवाया जाता ताकि उसे इस्लामी पहचान दी जा सके। इसके लिए गिरोह डॉक्टर अबू सईद की मदद लेता था, जो बिना किसी वैध दस्तावेज, कानूनी प्रक्रिया या मेडिकल आवश्यकता के, चुपचाप यह प्रक्रिया अंजाम देता था।
गिरोह के सदस्यों में मुफ्ती अबू सुफियान का नाम भी सामने आया है, जो एक मदरसे में कार्यरत है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि अबू सुफियान मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित करता है और उन्हें धीरे-धीरे धर्मांतरण की प्रक्रिया में शामिल करता है। जब पीड़िता ने पुलिस को आपबीती सुनाई और मामला सार्वजनिक हुआ, तो अलीगढ़ में रह रहे सभी आरोपी भूमिगत हो गए। सूत्रों के मुताबिक, ये लोग अब बरेली या उसके आसपास के जिलों में रहकर फिर से अपना गिरोह संचालित कर रहे हैं। पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीमें अब इन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं।
बरेली से जुड़े मामलों में सबसे सनसनीखेज मामला बहेड़ी क्षेत्र के मंडनपुर शुमाली गांव से सामने आया है, जहां कोलकाता की एक युवती को सोशल मीडिया पर 'राजवीर' नाम के युवक ने फंसाया। असल में वह युवक बख्तावर नामक मुस्लिम था, जिसने युवती को पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर बंधक बनाकर उससे धर्म परिवर्तन कराया और बाद में सामूहिक दुष्कर्म और जबरन गौमांस खिलाने जैसी अमानवीय हरकतें कीं। पीड़िता के मुताबिक उसे नशे की गोलियां दी जाती थीं, होश खोते ही कई अजनबी युवकों को उसके साथ दुष्कर्म के लिए भेजा जाता था। विरोध करने पर बख्तावर, उसका भाई और मां उसे बेरहमी से पीटते थे। युवती का यह भी आरोप है कि गर्भवती होने पर उसकी मर्जी के खिलाफ अबॉर्शन करवा दिया गया। यह मामला जब पुलिस तक पहुंचा, तो आरोपी परिवार फरार हो गया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एटीएस जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का गिरोह तीन श्रेणियों में धर्मांतरण कराता था। पहली श्रेणी मुस्लिम बनीं महिलाएं, जो गरीब और अनुसूचित जाति की महिलाओं को धर्मांतरण के लिए तैयार करती थीं। दूसरी श्रेणी युवतियां, जो देह व्यापार में लिप्त जरूरतमंद लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करती थीं। तीसरी श्रेणी मुस्लिम युवक, जो हिंदू नामों का इस्तेमाल कर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते और धर्म बदलवाते थे।
सूत्रों के अनुसार धर्म परिवर्तन के लिए जब महिलाएं तैयार नहीं होती थीं तो उनके साथ बलात्कार कर वीडियो बनाया जाता था। फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन्हें धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता था। पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और पूरे नेटवर्क की तलाश में जुट गई है। बरेली सहित प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की जा रही है। फिलहाल गिरोह का सरगना छांगुर बाबा फरार है।
छांगुर बाबा का गिरोह वर्षों से पूरे प्रदेश में फैला हुआ था और बलरामपुर जिले का मधुपुर गांव इसका मुख्य केंद्र था। वहीं बैठकर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर यह पूरे देश में धर्मांतरण की साजिश चला रहा था। एटीएस की जांच में अब तक नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के जरिए करीब 700 महिलाओं के जबरन धर्मांतरण की पुष्टि हो चुकी है। दो अन्य महिलाएं जो पहले स्वयं इस्लाम कबूल कर चुकी थीं, अब गायब हैं। इनमें से एक महाराष्ट्र की रहने वाली है और दूसरी बौद्ध धर्म की अनुयायी बताई जा रही है।
मेरा या मेरे परिवार का छांगुर से कभी कोई संपर्क नहीं रहा है। युवती का मेरे खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा विचाराधीन है। इनके सभी आरोप झूठे हैं और ये अपना कृत छुपाने और दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। और ये बरेली की नहीं बल्कि लखनऊ की रहने वाली हैं।
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Updated on:
26 Jul 2025 04:08 pm
Published on:
24 Jul 2025 09:35 pm
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