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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का मूलमंत्र होगा चरैवेति-चरैवेति

भाजपा की चुनावी जीत के मजबूत सारथी हैं हर्षवर्धन बरेली। उपनिषद कहते हैं चरैवेति-चरैवेति...। अर्थात चलते रहो। परिस्थिति कोई भी आए। निराशा और हताशा को पीछे छोड़कर आगे बढ़ो क्योंकि चलते रहने का नाम ही जीवन है। इस मूलमंत्र के बल पर ही भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटें जीतने की रणनीति बनाई है।

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तीस दिन का जनसंपर्क अभियान

भाजपा अपने कैडर के कार्यकर्ताओं को यही मंत्र बताकर प्रत्येक बूथ को मजबूत करने में जुटी है। इसके लिए कैडर के उन कार्यकर्ताओं को मोर्चे पर लगाया गया है, जिनको चुनाव जिताने मे महारथ हासिल है। जून में पार्टी का 30 दिन का जनसंपर्क अभियान भी इसी मंत्र की एक कड़ी है।

जिताऊ कार्यकर्ता की तलाश

ब्रज क्षेत्र में 13 लोकसभा सीटों में से वर्तमान में 12 सीटें भाजपा के पास हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट सपा ने बीते साल अपने संरक्षक स्व. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद बड़े अंतर से जीती है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने ब्रज क्षेत्र की 13 और यूपी की समस्त 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक सीट पर पार्टी एक संयोजक और एक सह संयोजक बनाएगी। इनके अलावा मंडल और बूथ की टीम भी रहेगी। पन्ना प्रमुख भी इन टीमों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा भाजपा ने उन कार्यकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा के अलावा 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रभार वाली सीटों पर पार्टी को विजय श्री दिलाई। इनमें से एक नाम है भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य का।

जिस सीट की जिम्मेदारी मिली, उसे जिताया

भाजपा में यह माना जाता है कि हर्षवर्धन आर्य को जिस भी सीट की जिम्मेदारी दी गई, तो वह उसे भाजपा को जिताकर ही घर लौटे।
हर्षवर्धन आर्य वर्ष 2019 में बदायूं के लोकसभा चुनाव में भाजपा के संयोजक थे। सपा का गढ़ मानी जाने वाली बदायूं सीट पर हमेशा से ही भाजपा का जीतना कठिन माना जा रहा था। लेकिन हर्षवर्धन आर्य ने अपनी सूझबूझ से सपा के दिग्गज नेता धर्मेंद्र यादव को शिकस्त देकर बदायूं लोकसभा सीट लंबे अरसे बाद भाजपा की झोली में डाल दी।

भाजपा में 26 साल से जुडे हैं हर्षवर्धन आर्य

1997 में भाजयुमो से जुड़कर अपना राजनीतिक कैरियर शुरू करने वाले हर्षवर्धन आर्य भाजयुमो में विभिन्न पदों पर रहने के बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आगरा-बरेली मंडल के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे। भाजपा के तत्कालीन क्षेत्रीय संगठन मंत्री भवानी सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल इनके पार्टी के प्रति समर्पण और कार्यशैली के कायल थे।

प्रधानमंत्री की रैलियों के रह चुके हैं संयोजक

हर्षवर्धन आर्य के काम से अभिभूत होकर इनको वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आजमगढ़, मऊ, बहराइच, शाहजहांपुर रैलियों का संयोजक बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन जनपदों में चुनावी रैलियां बेहद सफल रहीं। चुनाव बाद यूपी भाजपा के संगठन को हाईकमान की भरपूर शाबाशी मिली। हाल ही के निकाय चुनाव में हर्षवर्धन आर्य को कासगंज का प्रभारी बनाया गया तो वहां चार नगरपालिका सीटों पर भाजपा को जीत मिली। ब्रज क्षेत्र और प्रदेश भाजपा संगठन हर्षवर्धन आर्य को जिस भी सीट पर अपना प्रभारी बनाता है तो उस सीट पर कमल खिलना तय है।

भाजपा ने दी रणनीति को नई धार

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा ने अपने इसी तरह के कैडर के कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर 2024 के लोकसभा चुनाव का दायित्व सौंपकर तैयारियों को नई धार देना शुरू कर दिया है।