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निर्दोष को न्याय; जज के फैसले पर फूट-फूटकर रोया अजय, बोला- निशा ने मेरी जिंदगी खराब कर दी

UP News: रेप के झूठे मामले में चार साल छह महीने 8 दिन जेल काटने वाला अजय जज के फैसला सुनाते ही फूट-फूटकर रोने लगा। भरभराए गले से वह सिर्फ इतना ही बोल पाया ‘निशा‌ ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।’ मामला यूपी के बरेली का है। जहां कोर्ट का ये फैसला पूरे देश के लिए नजीर बन गया है।

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girl punished in Bareilly

Girl Punished in Bareilly: “मुझे कैमरे पर नहीं आना। मेरी फोटो-वीडियो मत दिखाइए। बरेली में मुझे जो जख्म मिले, वो अब किसी और को न मिले। निशा ने मेरी जिंदगी खराब कर दी। मेरे ऊपर बहुत गंदा आरोप लगाया। मेरी बीमार मां मेरे लिए कितना परेशान रही ये सिर्फ मैं ही जानता हूं।” ये दर्द भरे शब्द उस युवक के हैं। जिसने 4 साल छह महीने 8 दिन रेप के झूठे आरोप में जेल काटी। बीते शनिवार को जब जज ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया तो वह रो पड़ा। इस दौरान अजय उर्फ राघव ने कहा “सच कभी छिपता नहीं। जज साहब ने जब कहा कि जितने दिन जेल में मैं रहा, उतने दिन उस लड़की को सजा होगी। तब लगा कि मैं उनके पैर छू लूं, लेकिन वकीलों ने मुझे पकड़ लिया।”

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बरेली कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला पूरे देश में चर्चा का विषय बना है। 'उत्तर प्रदेश बनाम निशा' केस अब हर बार दलीलों में तब दोहराया जाएगा, जब रेप का फर्जी केस सामने आएगा। बरेली में अपर सेशन जज-14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने यह फैसला सुनाया है।

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उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा “यह मामला बहुत गंभीर है। कानून महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन यहां कानून का गलत इस्तेमाल करते हुए रेप और पॉक्सो एक्ट में निर्दोष अजय उर्फ राघव को फंसाया गया। जिससे आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती थी।”

बरेली मजिस्ट्रेट का फैसला पूरे देश के लिए बना नजीर

अपर सेशन जज-14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने आगे कहा “इसलिए जितने दिन निर्दोष अजय जेल में रहा है। उतने ही दिन झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की को भी जेल में रहना होगा।” इसके साथ अपर सेशन जज- 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने आरोपी अजय उर्फ राघव के जेल में बिताए दिनों के एवज में न्यूनतम पारिश्रमिक की दर से 5 लाख 88 हजार 822 रुपए आरोपी महिला को बतौर जुर्माना अदा करने के आदेश दिए। जुर्माने की यह राशि पीड़ित अजय को दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी युवती को ज्यादा सजा काटनी होगी।

साल 2019 में नाबालिग युवती ने दर्ज कराया था झूठा मुकदमा

सरकारी वकील सुनील पांडेय ने बताया कि साल 2019 में अजय कुमार उर्फ राघव पर पॉक्‍सो एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें 15 साल की युवती ने पुलिस और कोर्ट को दिए बयान में कहा था कि उसके भाई के साथ काम करने वाले अजय कुमार उसे दिल्‍ली लेकर गया और उसके साथ दुष्‍कर्म किया। चार साल बाद फरवरी 2024 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान लड़की अपने पहले के बयान से मुकर गई।

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इस बार उसने कहा “अजय कुमार निर्दोष है। उसने अपनी मां के दबाव में आकर अजय पर झूठा आरोप लगाया था। अजय की उसकी बहन के साथ निकटता थी जो मां को पसंद नहीं था।” मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की की अब शादी हो चुकी है। कोर्ट में हाजिर होकर उसके पति ने कहा कि वह ट्रायल के चलते तंग आ चुका है। इसलिए उसकी पत्‍नी बयान बदलना चाहती है।

कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया। अपर सेशन जज 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा “यह मामला अत्‍यंत गंभीर है। आरोपी अजय उर्फ राघव को बाइज्‍जत बरी किया जाता है। साथ ही झूठे मुकदमे की वजह से अजय को 1653 दिन यानी चार साल छह महीने और आठ दिन जेल में बिताने पड़े। वह आठ अप्रैल 2019 से 2024 तक जेल में रहा।"

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जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने आगे कहा "इस दौरान उसने जो दर्द और जिल्लत झेली है। उसके लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती को भी 1653 दिनों तक जेल में रखा जाए। इसके अलावा युवती पक्ष 5 लाख 88 हजार रुपये बतौर मुआवजा पीड़ित अजय उर्फ राघव को अदा करे। अगर जुर्माने की राशि तय समय में पीड़ित को नहीं दी जाती है तो युवती को छह महीने जेल में और रहना होगा।”


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