
बरेली. गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) अनिवार्य कर दी गई है। निजी वाहनों में उनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर तारीख व माह नियत किया गया है। वहीं इस नंबर प्लेट के चलते अब लोग डिजाइनर नंबर प्लेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब लोगों का वीआइपी नंबरों की ओर क्रेज कम होता जा रहा है। इससे आरटीओ को हर माह ऑनलाइन बुक होने वाले नंबरों को फ्रीज करना पड़ रहा है। ऐसे में आरटीओ को प्रति माह करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
आरटीओ विभाग से हर सीरीज में साढ़े तीन सौ वीआईपी और वीवीआईपी नंबर जारी होते हैं। जिसमें से 0001 और 9999 जैसे अन्य नंबरों का आधार मूल्य एक लाख रुपये तक का होता है। जिनका आवंटन ऑनलाइन बोली के माध्यम से किया जाता है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 15 से अधिक सीरीज में चुनिंदा नंबर ही बिक पाए हैं। जबकि अन्य वीआईपी व वीवीआईपी नंबरों की कोई बोली नहीं लगी है। जिसके चलते उन्हें फ्रीज किया गया है। ऐसे में चार हजार से अधिक नंबर न बिक पाने से विभाग को करोड़ों रुपये का घाटा हुआ है।
एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि सितंबर 2019 में वाआइपी नंबरों का आधार मूल्य बढ़ने के बाद से मांग कम हुई, जबकि पहले नंबरों के लिए मारामारी होती थी। जबकि अब लोग बोली ही नहीं लगा रहे हैं। जिससे विभाग को नुकसान हो रहा है।
Published on:
30 Nov 2021 03:24 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
