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बरेली

Bakrid 2018 : बकरीद पर केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद करें मुसलमान

Bakrid 2018 : दरगाह के सज्जादानशीन ने एक बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि कुर्बानी के चमड़े से मिलने वाली रकम से केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा सकती है

बरेलीAug 20, 2018 / 04:08 pm

suchita mishra

Dargah ala hazart

बकरीद पर केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद करें मुसलमान

बरेली। पिछले सप्ताह केरल में आई बाढ़ ने पूरे राज्य में भारी तबाही मचाई है। बाढ़ के कारण केरल में जान और माल का काफी नुक्सान हुआ है। इस संकट की घड़ी में केरल की मदद के लिए देश भर से मदद के लिए हाथ बढ़े है। सरकार के साथ ही तमाम गैर सरकारी संगठन भी केरल की मदद को आगे आ रहें है। इन सब के बीच बरेली की प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत से भी मुसलमानों से अपील की गई है कि वो bakrid पर केरल की मदद करें। दरगाह के सज्जादानशीन ने एक बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि कुर्बानी के चमड़े से मिलने वाली रकम से केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद की जा सकती है और मुसलमान नफ्ली क़ुर्बानी की रकम से भी केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद कर सकते हैं।
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सज्जादानशीन ने की अपील

दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह आला हज़रत के सज्जादानाशीन व तहरीक ए तहाफ़ुज़ ए सुन्नियत के सदर मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी “अहसन मियां” ने अपने बयान में कहा कि Eid-ul-Adha पर हलाल जानवर (ऊँट, भैस, दुंबा व बकरा) की क़ुर्बानी देना हर मालिके निसाब मुसलमान पर वाजिब है। इस वक़्त मुल्क़ के सूबे केरल में बाढ़ आई हुई है जिससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं । उनकी मदद के लिए सभी लोगों को आगे आना चाहिए। क़ुर्बानी के चमड़े का पैसा सदक़ा किया जाता है। इसको गरीबों, यतीमों, बेवा, मस्जिद व मदरसों में दिया जाता है। इसके अलावा क़ुर्बानी के चमड़े को केरल में आई बाढ़ से परेशान हाल लोगों को भी भेजा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाजिब क़ुर्बानी को छोड़ कर नफ्ली क़ुर्बानी की रकम से भी वहाँ के लोगों की मदद की जा सकती है।
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भाई चारे का पैगाम देता है ये त्यौहार

सज्जादानशीन ने जारी बयान में कहा कि हमारे मज़हब और मुल्क़ की रिवायत भी यही रही है कि जब जब किसी पर मुसीबत आयी है तो सब साथ खड़े नजर आए है। ईद उल अज़हा का मक़सद भी यही है कि अल्लाह की राह में अपनी कीमती से कीमती चीज़ को भी क़ुर्बान कर दे। ये त्यौहार आपसी भाईचारे का पैगाम देता है।

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