
एक मुसलमान ऐसा भी जिसने मंदिरों के लिए खोल दिया खजाने का मुंह
बरेली। हिंदुस्तान में साम्प्रदायिक सौहार्द की तमाम मिसालें मौजूद हैं। उनमें से एक है बरेली के कटरा मनाराय में बना लक्ष्मी नारायण का मंदिर है। इस मंदिर को और किसी ने नहीं बल्कि बरेली के एक बड़े सेठ फजलूरहमान उर्फ चुन्ना मियां ने बनवाया था और ये लक्ष्मी नारायण का मंदिर चुन्ना मियां के मंदिर के नाम से ही जाना जाता है। चुन्ना मियां ने मन्दिर निर्माण के लिए न सिर्फ अपनी जमीन दान की बल्कि मन्दिर निर्माण के लिए आर्थिक मदद की और श्रमदान भी किया। गगां जमुनी तहजीब के प्रतीक और इंसानियत को अपना धर्म मानने वाले चुन्ना मियां का यह मंदिर धर्म और मजहब के नाम पर समाज को बांटने वालों के लिए एक नजीर है।
ऐसे हुआ निर्माण
आजादी के बाद 1957 में जब पंजाबी समाज के कुछ लोग पाकिस्तान से बरेली में आकर बसे तो उनके पास पूजा पाठ करने के लिए कोई जगह नहीं थी जिस जगह इन लोंगों ने अपने रहने के लिए आशियाना बनाया वहीं उसी के पास चुन्ना मियां की खाली जमीन पड़ी थी जिस पर पंजाबी समाज के लोगों ने कब्जा कर लिया और ये मामला कोर्ट में भी गया लेकिन बाद में चुन्ना मियां ने न सिर्फ मन्दिर के लिए जमीन दान कर दी बल्कि मुकदमे में आया खर्च भी वापस कर दिया और मन्दिर निर्माण के लिए चंदा भी दिया, इतना ही नहीं विरोध के बाद भी उन्होंने मन्दिर निर्माण में श्रमदान किया।
राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन
जब यह मदिंर 16 मई 1960 में बनकर तैयार हुआ तो इसके उद्घाटन के लिए चुन्ना मियां ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को बुलवाया और मन्दिर का उद्घाटन कराया। आज चुन्ना मियां तो अब इस दुनिया में नहीं लेकिन इनका परिवार आज भी मदिर से जुड़ा हुआ है इनके पोते आज भी यहां आते हैं और मंदिर के कार्यों में हिस्सा लेते हैं
अन्य मंदिरों में भी दिया दान
चुन्ना मियां ने न सिर्फ इस लक्ष्मी नारायण के मंदिर के लिए दान दिया बल्कि अन्य मंदिरों में भी दान दिया उन्होंने प्रसिद्ध हरि मन्दिर में भी राधा कृष्ण की मूर्ति लगवाने के लिए दान दिया था जबकि प्रसिद्ध शिव मंदिर धोपेश्वरनाथ में चुन्ना मियां ने श्रद्धालुओं के लिए ट्यूबवेल लगवाया था।
Published on:
27 Jul 2018 04:50 pm
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