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यूपी के इस जिले में 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर फोकस, डीएम बोले- हर गांव, हर किसान बनेगा तरक्की की कहानी का हिस्सा

प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर के मुकाम तक पहुंचाने के लिए बरेली प्रशासन ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी सिलसिले में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में ओटीपी सेल की त्रैमासिक बैठक हुई।

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बैठक करते डीएम (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर के मुकाम तक पहुंचाने के लिए बरेली प्रशासन ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी सिलसिले में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में ओटीपी सेल की त्रैमासिक बैठक हुई।

बैठक में अफसरों को साफ निर्देश दिए गए कि अपने-अपने विभागों की योजनाएं किसानों तक पहुंचाएं और उन्हें लाभ दिलाएं। डीएम ने कहा कि जिस तरह रामसेतु बनाने में एक गिलहरी ने भी योगदान दिया था, उसी तरह हर नागरिक, किसान और अफसर का छोटा प्रयास भी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। उन्होंने बताया कि बरेली जिले का सकल घरेलू उत्पाद साल 2022-23 में 50,984 करोड़ था, जो 2023-24 में 12 फीसदी बढ़कर 57,088 करोड़ हो गया है।

किसानों में मिलेगा फायदा, लखपति दीदी बनेंगी करोड़पति

जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी फसलें बढ़ावा पाएं जिनसे किसानों को सीधे नकद भुगतान हो। गन्ना अफसरों ने बताया कि जिले में हर साल करीब 1 हजार करोड़ का गन्ना भुगतान होता है। उद्यान विभाग ने बताया कि बरेली में खीरा, टमाटर, शिमला मिर्च और मटर की पैदावार काफी है। ये सब्जियां खासकर बहेड़ी और शेरगढ़ क्षेत्र में होती हैं और उत्तराखंड में इनकी अच्छी खपत है। ड्रैगन फ्रूट और ऑर्गेनिक खेती को भी आगे बढ़ाने की जरूरत बताई गई। बैठक में बताया गया कि जिले में 1.40 लाख स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें से 36 हजार महिलाएं अब "लखपति दीदी" बन चुकी हैं। अब उन्हें "करोड़पति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम ने कहा कि महिलाएं आज देश की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की असली वजह हैं। वे छोटे-छोटे कामों से अपने परिवार और देश दोनों को आगे बढ़ा रही हैं।

पशु मेला और मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा

बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जिले में पशु मेला आयोजित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही मत्स्य विभाग को मछली पालन से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने को कहा गया। डीएम ने सुझाव दिया कि बकरी के दूध और उसके घी की पैकेजिंग करके बाज़ार में बेचा जाए क्योंकि इनकी काफी मांग है। बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वन, कृषि, मत्स्य और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।


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