
पीलीभीत। टाइगर रिजर्व के बराही रेंज स्थित साइफन पुल पर बाघ को दोनों ओर से सफारी वाहनों से घेरने का सनसनीखेज मामला अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। वनमंत्री डॉ. अरुण कुमार ने इसे अत्यंत खतरनाक लापरवाही बताते हुए साफ कहा है कि दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। बाघ ऐसी स्थिति में हमला भी कर सकता था, जिससे बड़ा हादसा तय था।
वनमंत्री के निर्देश पर प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए बराही रेंज के रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव, फॉरेस्टर और फॉरेस्ट गार्ड को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। तीनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा बाघ को घेरने में शामिल सफारी वाहनों के चालक, सहयोगी और गाइड को पूरे सीजन के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मंत्री ने साफ कहा जब साइफन पुल पर बाघ दिखाई दिया, तो एक तरफ की सफारी गाड़ियों को तुरंत हट जाना चाहिए था। लेकिन उल्टा पुल के दोनों छोर बंद कर दिए गए। यह न केवल वन्यजीव संरक्षण के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की जान जोखिम में डालने जैसा कृत्य है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय है। वन विभाग ने मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट पीटीआर के डीएफओ से तलब की है। माला रेंज के एसडीओ रुद्रप्रताप सिंह को घटना की तथ्यात्मक जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित अफसरों और कर्मचारियों को सस्पेंड करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि घटना का वीडियो रविवार शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें चार से पांच सफारी वाहन साइफन पुल के दोनों सिरों पर बाघ का रास्ता रोकते दिखे थे। पुल के बीच खड़ा बाघ असहज व तनावग्रस्त दिखाई दे रहा था। वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया था और डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने तुरंत जांच बैठा दी थी। वनमंत्री की सख्त भाषा और तेज कार्रवाई यह साफ संकेत दे रही है, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर अब नकेल कसना तय है।
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Published on:
11 Dec 2025 09:37 pm
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