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यूपीएसएस के टेंडर में फर्जीवाड़ा, 55 हजार में जीरो बढ़ाकर किये 5.50 लाख, दर्ज होगा मुकदमा

बरेली। यूपीएसएस के धान खरीद केंद्र में टेंडर डालने में फर्जीबाड़ा कर दिया। अर्नेस्ट मनी और निविदा शुल्क की एक ही रसीद की फोटोकॉपी कर कई फर्मों में शामिल कर दिया। 55 हजार की बैंक रसीद को जीरो बढ़ाकर साढे पांच लाख बना दिया। इस पूरे मामले में अब जांच शुरू हो गई है। फर्जीबाड़ा करने वाली फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। ठेकेदारों ने इस पूरे मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक पर भी सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि क्षेत्रीय प्रबंधक ओमेंद्र कुमार की मिलीभगत से फर्जीबाड़ा किया गया

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विकास भवन में डाले गए थे टेंडर ऐसे किया गया फर्जीबाड़ा


यूपीएसएस के बरेली मंडल के मंगलवार को विकास भवन में लॉटरी के जरिए टेंडर खोले जाने थे। 169 फर्मों से सैकड़ों टेंडर डाल दिए। टेंडर डालने के लिए निविदा शुल्क 590 रुपये रखा गया था। धरोहर राशि पांच हजार रुपये थी। बांके बिहारी ट्रांसपोर्ट, गणेश इंटरप्राइजेज, मोहित गुप्ता, ऋषभ गुप्ता, सर्वेश कुमारी समेत कई फर्मो ने निविदा शुल्क की रसीद की फोटो स्टेट कर कई फर्मों में लगा दी। इसके अलावा बैंक रसीद में फर्जीबाड़ा कर 55000 को जीरो बढ़ाकर 5.5 लाख कर दिया। इसको लेकर ठेकेदारों ने काफी हंगामा किया। मामले में जांच शुरू हो गई है।


शुरू हो गई जांच दर्ज होगी एफआईआर

फर्जी फर्मों की जांच में अधिकारी यूपीएसएस के क्षेत्रीय प्रबंधक ओमेंद्र कुमार ने बताया कि निविदा शुल्क की फर्जी रसीद और धरोहर राशि के मामले में शिकायत मिली है। सभी फर्मो की जांच की जा रही है। इस मामले में हैंडलिंग ठेकेदार श्याम जी कांट्रेक्टर, ठेकेदार जितेंद्र सिंह, अमित मित्तल, सुनील कुमार सिंह, बाबूराम, बृजराज एसोसिएट्स ने मामले की शिकायत उपनिबंधक एवं उपायुक्त बरेली में यूपीएससी के क्षेत्रीय प्रबंधक से की थी। इसके बाद इसकी शिकायत की जांच शुरू हो गई है। यूपीएस के क्षेत्रीय प्रबंधक ओमेंद्र कुमार ने बताया कि जांच के बाद बुधवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

टेंडर प्रक्रिया में फर्जीबाड़े की जांच कराएंगे


यूपीएसएस के डायरेक्टर राजकुमार शर्मा ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। किसानों से ही धान खरीद की जाएगी। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर इस मामले में फर्जी कागजात, धरोहर राशि, निविदा शुल्क और अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया गया है। उन सभी फर्मो को ब्लैक लिस्ट कराया जाएगा। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


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