
बदायूं। बड़े सरकार परिसर में शनिवार को ऐसा खुलासा हुआ, जिसने पूरे शहर को चौंका दिया। धार्मिक शिक्षा और आस्था की आड़ में वर्षों से चल रहा फर्जी मदरसा और बिना अनुमति खड़ा किया गया धर्मस्थल पुलिस-प्रशासन की छापेमारी में बेनकाब हो गया। कार्रवाई की भनक लगते ही मदरसा संचालक ताला डालकर फरार हो गया, लेकिन पीछे छूट गए ऐसे सबूत, जिन्होंने पूरे मामले की पोल खोल दी।
छापेमारी के दौरान मदरसे के भीतर दो हुक्के, पढ़ाई के नाम पर रखी गई फर्जी किताबें और संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिले। न कोई मान्यता, न कोई पंजीकरण और न ही संचालन की अनुमति—फिर भी सालों से मदरसा धड़ल्ले से चल रहा था। यही नहीं, परिसर में बिना इजाजत बनाया गया धर्मस्थल और प्रतिबंधित लाउडस्पीकर भी मिला, जिसे तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए। प्रशासन ने साफ संदेश दे दिया कि धर्म की आड़ में अवैध खेल अब नहीं चलेगा।
बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की आशंका को लेकर पुलिस और प्रशासन ने बड़े सरकार परिसर को चारों ओर से घेर लिया। भारी फोर्स के साथ चली इस कार्रवाई से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। झोपड़ी, तिरपाल और पन्नी डालकर रह रहे लोगों से जब आधार, वोटर आईडी मांगी गई तो कई के पास कोई कागज नहीं निकला। ऐसे लोगों को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया गया। जांच में सामने आया कि कई लोग दूसरे जनपदों से आकर वर्षों से यहां कब्जा जमाए बैठे थे। प्रशासन ने दो टूक कह दिया, शाम तक खुद हटो, वरना बुलडोजर चलेगा।
अभियान के दौरान पक्के मकान भी मिले। कुछ के कागज अधूरे तो कुछ पूरी तरह संदिग्ध निकले। हैरानी की बात यह रही कि कई अवैध मकानों में बिना जांच बिजली मीटर तक लगे थे, जिससे बिजली विभाग की भूमिका भी शक के घेरे में आ गई।
कार्रवाई की भनक लगते ही कई दुकानदार और स्थायी निर्माणों में रह रहे लोग ताले डालकर फरार हो गए। खुली दुकानों के पीछे मालिक नदारद मिले। पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ शुरुआत है। अवैध कब्जे, फर्जी मदरसे और गैरकानूनी धर्मस्थलों पर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। बड़े सरकार परिसर में चला यह अभियान पूरे जिले के लिए चेतावनी बन गया है—अब कानून से बचने की कोई जगह नहीं।
संबंधित विषय:
Published on:
13 Dec 2025 07:31 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
