
बरेली। सरकार गरीब बच्चों की शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन प्राइमरी स्कूलों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। प्राइमरी स्कूल की बात आते ही स्कूल की पीली इमारत टूटी फूटी बाउंड्री, मैदान में उड़ती धूल का ख्याल मन में आता है लेकिन इन सबके बीच बहुत से ऐसे स्कूल भी हैं जिनकी खूबसूरती देख कर हर किसी का मन इन स्कूलों में पढ़ने को ललचा जाए। बदायूं के रहने वाले अब्बासी पेंटर की कूची ने बदायूं और बरेली के तमाम स्कूलों की सूरत बदल दी है। अब्बासी पेंटर की कूची ने प्राइमरी स्कूलों की जर्जर दीवारों पर ऐसे रंग भरे कि इन स्कूलों की सुंदरता कुछ इस कदर बढ़ी कि ये स्कूल कान्वेंट स्कूलों को भी मात देते नजर आते हैं।
कहींं ट्रेन तो कहीं बस में पढ़ते बच्चे
अब्बासी पेंटर ने पत्रिका से बात करते हुए बताया कि वो बदायूं और बरेली के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी प्राइमरी स्कूलों को नई शक्ल प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने यह काम 2002 से शुरू किया था। उन्होंने अभी तक विभिन्न जिलों में 200 से ज्यादा स्कूलों को पैंट किया है। उनका कहना है कि ऐसे स्कूलों को देख कर बच्चे आकर्षित होते हैं और उनमें पढ़ने की इच्छा बढ़ती है और वो स्कूल जाने से कतराते नहीं है।
स्कूलों में देते हैं दान
उनका कहना है कि स्कूल के रंगरोगन के लिए वहां तैनात शिक्षक भी अपनी सेलरी से खर्च करते हैं इसके साथ ही समाजसेवी भी स्कूल के रंगरोगन में मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि वो भी स्कूल में कुछ न कुछ दान करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जबकि एक स्कूल में उन्होंने सोलर सिस्टम भी लगवाया है और अब वो एक स्कूल में कम्प्यूटर भी लगवाने जा रहें है।
ग्राम पंचायत दिवस पर मिला सम्मान
अब्बासी पेंटर ने बताया कि उनके द्वारा सिद्धार्थनगर के हसूड़ी ओसनापुर में पेंटिंग का कार्य किया गया था और इसे राष्ट्रीय गौरव ग्राम के लिए चुना गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पंचायती राज दिवस पर सम्मानित किया। इसके साथ ही बदायूं जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय आमगांव, अतरानी और म्यायु के प्रिसंपल को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया इन तीनों ही स्कूल में उन्होंने पेंटिंग का कार्य किया था। बाद में बदायूं के जिला प्रशासन ने इन शिक्षकों के साथ ही अब्बासी पेंटर का भी सम्मान किया।
क्या कहना है बीएसए का
वहीं जब इस बारे में पत्रिका ने बदायूं के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचन्द्र यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि जब स्कूल का भौतिक परिवेश अच्छा होगा तो वहां पर पढ़ाई के लिए बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी और ऐसे स्कूलों में ज्यादा नामांकन हो रहे हैं और हम लोग अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित करा रहे हैं।
Published on:
28 Apr 2018 10:28 am
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