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अंडरवर्ल्ड डॉन बबलू श्रीवास्तव को लेकर राज्यपाल का आया बड़ा फैसला, जाने सलाखों से आजाद होगा या कैद में रहेगा डॉन

अपर कस्टम कलेक्टर की हत्या के आरोप में बरेली जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू की समयपूर्व रिहाई की दया याचिका को राज्यपाल ने खारिज कर दिया है।

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बरेली। अपर कस्टम कलेक्टर की हत्या के आरोप में बरेली जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू की समयपूर्व रिहाई की दया याचिका को राज्यपाल ने खारिज कर दिया है। 59 वर्षीय बबलू अब तक 31 साल से अधिक की सजा काट चुका है। लखनऊ के निरालानगर निवासी बबलू की रिहाई के लिए दायर याचिका पर डीएम और डीसीपी लखनऊ ने नकारात्मक रिपोर्ट दी थी, जिसे आधार बनाते हुए राज्यपाल ने उसकी याचिका अस्वीकार कर दी।

1993 में की थी प्रयागराज में हत्या

बबलू ने वर्ष 1993 में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या कर दी थी। इस मामले में बबलू पर टाडा (आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधियाँ निरोधक अधिनियम) भी लगाया गया था। कानपुर के टाडा कोर्ट ने 30 सितंबर, 2008 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।

बरेली के सेंट्रल जेल में बंद है माफिया डॉन

बरेली जेल में बंद बबलू ने 2022 तक लगभग 31 साल की सजा पूरी कर ली थी। उसकी समयपूर्व रिहाई की याचिका लखनऊ के डीएम और डीसीपी द्वारा सिफारिश न किए जाने के कारण खारिज कर दी गई। राज्यपाल के आदेश के अनुसार, जेल प्रशासन को सूचित कर दिया गया है कि बबलू को उसकी दया याचिका की अस्वीकृति की जानकारी दी जाए।

1999 में बरेली जेल में किया था ट्रांसफर

बबलू श्रीवास्तव पिछले 25 साल से बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। उसे 11 मई 1999 को केंद्रीय कारागार नैनी से प्रशासनिक आधार पर बरेली जेल में स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद कानपुर में टाडा कोर्ट ने 2008 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।