
बरेली। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट आवंटन, मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और डॉक्टरों से जुड़ी नीतियों पर चर्चा की गई। बैठक में सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई। इस दौरान आईएमए पदाधिकारियों और डॉक्टरों ने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी छूट को सराहा। डॉक्टरों ने सरकार के इस बजट को मध्यम वर्ग और आम नागरिकों के लिए लाभकारी बताया। खासतौर पर 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट को उन्होंने सकारात्मक पहल बताया।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. आर.के. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को हेल्थकेयर सेक्टर में बजट आवंटन बढ़ाना चाहिए, ताकि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने विशेष रूप से सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं, मेडिकल शिक्षा और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों पर ध्यान देने की जरूरत बताई। आईएमए सचिव डॉ. रतन पाल सिंह ने सुझाव दिया कि सरकार को निजी चिकित्सा संस्थानों को उच्च स्तरीय तकनीक और बेहतर सुविधाओं से लैस करने के लिए विशेष वित्तीय कोष बनाना चाहिए। इससे मेडिकल सेक्टर में उन्नति होगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
बैठक में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया गया। पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजीव गोयल ने कहा कि सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने मांग की कि एक विशेष कानून बनाया जाए, जिससे डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल में अपनी सेवाएं देने का अधिकार मिले।
बैठक में मौजूद डॉक्टरों ने मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी में छूट, चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान और युवा डॉक्टरों के लिए वित्तीय सहायता की मांग की। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार करने पर जोर दिया गया।
इस बैठक में आईएमए अध्यक्ष डॉ. आर.के. सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. डी.पी. गंगवार, सचिव डॉ. रतन पाल सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. शिवम कमठान, पीआरओ डॉ. शालिनी माहेश्वरी, पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव गोयल, डॉ. अनुजा सिंह, डॉ. संध्या गंगवार, डॉ. पारुल सक्सेना समेत कई अन्य वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहे।
उन्होंने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी में दी गई छूट का स्वागत किया, जिससे मरीजों को आर्थिक राहत मिलेगी। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के बजट में बढ़ोतरी को सराहते हुए डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस योजना में अलग से विशेष प्रावधान किया जाए। आईएमए ने मांग की कि आयुष्मान योजना के तहत बकाया राशि की सटीक गणना कर उसे जल्द निपटाने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया जाए, ताकि योजना का संचालन सुचारू रूप से हो सके और इसे भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
Published on:
01 Feb 2025 08:43 pm
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