23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आईएमए ने सीधे सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, डॉक्टरों को बदनाम, परेशान करने के लिए बनाई आयुष्मान योजना

आयुष्मान योजना को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

2 min read
Google source verification

बरेली। आयुष्मान योजना को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा के बयान के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। डॉ. पालीवाल ने आयुष्मान योजना को चिकित्सकों को बदनाम करने का माध्यम बताया है। उन्होंने एक पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि इस योजना का उद्देश्य आम जनता को डॉक्टरों के खिलाफ भड़काना है। डॉ. पालीवाल का यह पत्र सीएमओ कार्यालय भेजा गया और आईएमए के व्हाट्सएप ग्रुपों में भी साझा किया गया। इसमें उन्होंने दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा का बचाव करते हुए उन्हें "संभ्रांत और कर्मठ डॉक्टर" बताया।

दीपमाला हॉस्पिटल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा का विवादित बयान

डॉ. सोमेश मेहरोत्रा ने आयुष्मान योजना को "धोखा" और जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को "चूरन-चटनी वाला इलाज" कहा था। इसके साथ ही उन्होंने राजनेताओं और अधिकारियों पर अस्पतालों के बजट को "हजम" करने का आरोप भी लगाया। इस बयान के बाद से वह विवादों में घिर गए हैं। अब उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

आईएमए अध्यक्ष का पत्र और आरोप

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि आयुष्मान योजना में डॉक्टरों को परेशान करने और बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि योजना के तहत लाखों रुपये के दावे (क्लेम) अब तक पास नहीं हुए हैं, जिससे डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन दोनों परेशान हैं। पत्र में उन्होंने कहा, "अगर डॉक्टर अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक दबाव से परेशान होगा, तो कहीं न कहीं वह गुस्सा जाहिर करेगा।" उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान योजना में 90% से अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। बरेली आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर आरके सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पात्र को मीडिया में साझा किया है।

बरेली में चार लाख लोगों का आयुष्मान योजना में हुआ इलाज

आंकड़े बताते हैं कि बरेली जिले में आयुष्मान योजना के तहत सबसे अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। जिले में अब तक लगभग 4 लाख मरीजों का इलाज हो चुका है, जिनमें से 3.2 लाख मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। इसके बावजूद डॉक्टर योजना में खामियों की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्लेम पास होने में देरी और अन्य तकनीकी दिक्कतें डॉक्टरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।

आईएमए अध्यक्ष के बयान से बढ़ा और विवाद

सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच दो सदस्यीय कमेटी कर रही है, जिसमें एसीएमओ डॉ. राकेश और डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद शामिल हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि आयुष्मान योजना और विवादित बयान को लेकर गंभीरता से जांच हो रही है। जल्द ही दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने सरकार और चिकित्सकों के बीच चल रहे इस विवाद को और गहरा कर दिया है।


बड़ी खबरें

View All

बरेली

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग