बरेली। आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है और देश में अहिंसा और स्वच्छता की बातें हो रही है। लोगों को गांधी जी के बताए गए रास्ते पर चलने की बातें हो रही है। गांधी जयंती पर ही नेताओं, अफसरों और लोगों को गांधी जी की याद आती है ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि बरेली में दो जगह पर लगी गांधी प्रतिमाएं इसका उदाहरण है। जोगीनवादा इलाके में जहाँ गांधी जी की प्रतिमा का बुरा हाल है वही बरेली कॉलेज में लगी गांधी जी की मूर्ति को शरारती तत्वों से बचाने के लिए उनकी प्रतिमा को लोहे के पिंजरे में कैद कर रखा गया है। राष्ट्रपिता ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर उन्होंने जिस देश को आजाद कराया है उस आजाद देश में ही इस तरह का माहौल बनेगा कि उनकी प्रतिमा को कैद करना पड़ेगा।
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बरेली कॉलेज में कैद है गांधी प्रतिमा
बरेली कॉलेज में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी है जिसको पिंजरे में कैद कर ताले से बंद कर दिया गया है। महात्मा गांधी की इस प्रतिमा को लेकर छात्र नेता अपना विरोधी प्रकट करते रहते हैं। गांधी जयंती के अवसर पर बरेली कॉलेज में पिंजरे में कैद गांधी जी की प्रतिमा को देख कर छात्र नेता आक्रोशित है और जल्द पिंजड़े से आजाद करने की मांग कर रहे हैं। वहीं कॉलेज प्रशासन अपनी ही दलील दे रहा है कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि गंदगी और शरारती तत्वों से बचाने के लिए महात्मा गांधी की मूर्ति को जाल के अंदर रखा गया है।
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जोगी नवादा में खंडित मूर्ति
जहाँ बरेली कॉलेज में गांधी जी की प्रतिमा कैद है वही जोगी नवादा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति की दुर्दशा कर दी गई है। मूर्ति जगह-जगह से खंडित है। यहाँ पर प्रतिमा लगाकर लोग भूल गए जिसका नतीजा यह हुआ कि महात्मा गांधी की प्रतिमा जगह-जगह से टूटी हुई है। इतना ही नहीं मूर्ति पर गंदगी जमा रहती है। मूर्ति देख कर ऐसा लगता है कि वर्षों से उसकी सफाई नहीं हुई है। गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता का शोर है लेकिन इस मूर्ति की सफाई करने वाला कोई नहीं।
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