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विवि के कुलपति रजिस्ट्रार की जंग में दो दो कुलसचिव, सुनीता, शिक्षक और लिपिक बने फुटवाल

MJPRU रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कुलपति और रजिस्ट्रार के बीच चल रही जंग में उप कुलसचिव सुनीता यादव अब निशाने पर आ गईं हैं।

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बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में दो-दो कुलसचिव कार्य कर रहे हैं। एक आदेश जारी करता है, दूसरा निरस्त कर देता है। बुधवार को कुलसचिव अतिरिक्त प्रभार सुनीता यादव ने कर्मचारियों के पटल परिवर्तन का आदेश जारी किया, कुलसचिव अजय कृष्ण यादव ने आदेश को निरस्त कर दिया।

कुलपति ने रजिस्ट्रार को हटाकर दिया था चार्ज, उपकुलसचिव ने जारी कर दिया आदेश

वीसी केपी सिंह ने रजिस्ट्रार अजय कृष्ण यादव को उनके प्रशासनिक कार्य भार से हटा दिया था। उसके बाद उप कुलसचिव सुनीता यादव को प्रभारी रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंप दी थी। रजिस्ट्रार अजय कृष्ण यादव 18 अप्रैल को उन्होंने फिर से अपना चार्ज संभाल लिया था। इसके बाद भी बतौर कुल सचिव सुनीता यादव ने 19 अप्रैल की विश्वविद्यालय की छुट्टी के संबंध में आदेश जारी कर दिया। यह पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

उपकुलसचिव ने हटाये विश्वविद्यालय के लिपिक

उप कुलसचिव सुनीता यादव ने कुल सचिव कार्यालय में वैयक्तिक सहायक अर्जुन सिंह को प्राणी विज्ञान विभाग, अजय कुमार मौर्य को उप कुलसचिव प्रशासन/कुलसचिव कार्यालय, प्रधान सहायक विनोद कुमार शर्मा को कार्यालय समन्वयक संघटक महाविद्यालय, मानव शुक्ला को संबद्धता अनुभाग, गौरव मिश्रा को विकास अनुभाग, वरिष्ठ सहायक प्रदीप कुमार को इंजीनियरिंग संकाय, कनिष्ठ सहायक प्रसेनजित को संबद्धता उप कुलसचिव प्रशासन कार्यालय और कमल सिंह को संबद्धता अनुभाग शिक्षक प्रतिस्थापना में पटल परिवर्तन किया है। आदेश में कहा कि नव आवंटित विभाग के माध्यम से ही अप्रैल का वेतन भेजा जाएगा।

डरने और घबराने की जरूरत नहीं, मैं ही हूं कुलसचिव, बोले अजय कृष्ण

कुलसचिव अजय कृष्ण यादव ने अपने कार्यालय में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि वह कुलसचिव हैं। कोई भी कर्मचारी किसी के दबाव में न आए। सभी शासन के दिशा-निर्देशों के तहत काम करें। कर्मचारियों ने भी कहा कि वह विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं और शासन के नियमों के तहत ही कार्य कर रहे हैं।
प्रोन्नत वेतनमान को लेकर कुलपति प्रो. केपी सिंह ने आदेश जारी कर दिया था। शासन ने कुलपति का आदेश निरस्त कर दिया। इसके साथ ही शिक्षकों का प्रोन्नत वेतनमान संबंधी आदेश भी निरस्त हो गया है। शिक्षक परेशान हैं कि अब उन्हें फिर से कब बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। रजिस्ट्रार ने भी सभी पत्रावली मांग कर इस संबंध में आगे की कार्रवाई की शुरु कर दी है।


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