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बृहस्पति गृह का हुआ राशि परिवर्तन, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव, जानिए उपाय

देवताओं के गुरु बृहस्पतिदेव मंगलवार को कन्या राशि छोड़कर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य के घर तुला राशि में प्रवेश करेंगे।

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बरेली

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Mukesh Kumar

Sep 12, 2017

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बरेली। देवताओं के गुरु बृहस्पतिदेव मंगलवार को कन्या राशि छोड़कर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य के घर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। बृहस्पति ग्रह का यह गोचर 11 अक्टूबर 2018 तक रहेगा। इस बीच में 12 अक्टूबर से 9 नवम्बर 2017 तक अस्त रहेंगे एवं 9 मार्च से 11 जुलाई 2018 तक वक्री रहेंगे। बृहस्पति का गोचर एक राशि में औसतन 13 माह रहता है। जब वह एक राशि में वक्री होकर पिछली राशि में चला जाये तो ऐसी स्थिति में वह औसत समय से अधिक अवधि तक रह सकता है। गुरु का गोचर अत्यधिक महत्वपूर्ण फलकारक होता है

इन राशियों के लिए होगा शुभ
बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के अनुसार गोचरिय बृहस्पति जन्म कालीन राशि अथवा लग्न से द्वितीय, पंचम, सप्तम, नवम, एकदश शुभ होते हैं। इसलिए कन्या राशि/लग्न से दूसरा मिथुन राशि/लग्न से पांचवां, मेष राशि/लग्न से सातवां, कुंभ राशि/लग्न से नवम् एवं धनु राशि/लग्न से ग्यारहवें होंगे। अर्थात कन्या, मिथुन, मेष, कुंभ एवं धुन राशि/लग्न के लिए शुभ रहेंगे। कन्या राशि/लग्न वाले जातकों के लिए अति शुभ फलकारी रहेंगे।

इन राशि वालों को होगी परेशानी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साधारणत: बृहस्पति 6, 8, 12 राशि वालों के लिए कुछ अशुभ रहेंगे। इसलिे वृष राशि/लग्न के लिए बृहस्पति छठे होंगे, जोकि शत्रु का घर होने के कारण इन जातकों को ऋण, स्वास्थ्य, शत्रुता एवं मुकदमों के प्रति सावधान रहना चाहिए। मीन राशि/लग्न के लिए बृहस्पति आंठवें होंगे, जोकि स्थान परिवर्तन के साथ कुछ खर्चा करवा सकते हैं। वृश्चिक राशि/लग्न वालों के लिए बारहवां बृहस्पति धार्मिक यात्राएं, मकान, जमीन-जायदाद आदि के क्रय में खर्चा करवाएंगे। गुरु का गोचर तब और अधिक फलकारक हो जाता है जब उसकी महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है। यदि गोचर और जन्म पत्रिका में गुरु की स्थिति अनुकूल हो तो यह समय अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होता है।

ये हैं उपाय
- गुरु ग्रह की अनुकूलता के लिए गुरुवार का व्रत करें।
- भगवान विष्णु की नित्य उपासना करें।
- पांच मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
- गुरु ग्रह के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पते नमः का जाप करें।
- तर्जनी अंगुली में सोने का छल्ला धारण करें।


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