29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अटल स्मृति सम्मेलन में नेताओं ने भरी हुंकार, बोले—देश को दिशा देने वाले नेता थे अटल

अर्बन हॉट सोमवार को अटलमय हो उठा। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में अटल जी के विचार, विकास और दूरदर्शिता पर जमकर चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की।

2 min read
Google source verification

बरेली। अर्बन हॉट सोमवार को अटलमय हो उठा। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में अटल जी के विचार, विकास और दूरदर्शिता पर जमकर चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की। मंच से अटल युग की उपलब्धियां गिनाई गईं और मौजूदा पीढ़ी को उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया गया।

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दो टूक कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को सिर्फ सरकार नहीं दी, बल्कि मजबूत सोच और दूरदृष्टि दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अटल जी की दूरदर्शिता का जीवंत उदाहरण है, जिसने गांवों को शहरों से जोड़कर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी। सड़क पहुंची तो विकास अपने आप पहुंचा।

स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आज जिस मोबाइल और इंटरनेट क्रांति पर देश गर्व करता है, उसकी नींव अटल जी ने ही रखी थी। उनके कार्यकाल में शुरू हुई दूरसंचार क्रांति ने गांव के अंतिम व्यक्ति को भी दुनिया से जोड़ दिया। यही वजह है कि अटल जी का दौर आज भी स्वर्णिम काल के रूप में याद किया जाता है।

ब्रज क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्गविजय सिंह शाक्य ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में मर्यादा, संवाद और सहमति की मिसाल थे। उन्होंने विरोधियों को भी सम्मान देना सिखाया। आज की राजनीति को अटल जी के संस्कारों की सबसे ज्यादा जरूरत है। मेयर उमेश गौतम ने कहा कि अटल जी ने सत्ता को सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और जनहित को हमेशा राजनीति से ऊपर रखा। अटल जी का जीवन हर जनप्रतिनिधि के लिए प्रेरणा है।

सम्मेलन में महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, भाजपा नेता गुलशन आनंद सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। सम्मेलन में हर वक्त अटल जी के नाम और उनके कामों की गूंज सुनाई देती रही।