
आरोपी लेखपाल
बदायूं। तहसील सदर में मंगलवार दोपहर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एंटी करप्शन टीम ने खुलेआम रिश्वतखोरी कर रहे राजस्व लेखपाल को 10 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। बरामदे में हुई इस सनसनीखेज कार्रवाई से तहसील परिसर में मौजूद कर्मचारियों और फरियादियों में हड़कंप मच गया। कुछ देर तक हर जुबान पर सिर्फ इसी गिरफ्तारी की चर्चा रही।
आरोपी लेखपाल महेंद्र सिंह मृतक पिता की पैतृक संपत्ति में वारिसान दर्ज करने जैसे सीधे और कानूनी काम के बदले फरियादी से रिश्वत की मांग कर रहा था। पीड़ित लंबे समय से तहसील के चक्कर काट रहा था, लेकिन लेखपाल हर बार कागजात के बहाने टालमटोल करता रहा। आखिरकार जब पानी सिर से ऊपर गया तो पीड़ित ने रिश्वत देने के बजाय एंटी करप्शन टीम का दरवाजा खटखटाया।
शिकायत मिलते ही एंटी करप्शन टीम ने पूरी रणनीति के तहत जाल बिछाया। मंगलवार दोपहर जैसे ही लेखपाल ने तहसील सदर के बरामदे में रिश्वत की रकम हाथ में ली, वैसे ही टीम ने झपट्टा मारकर उसे धर दबोचा। अचानक हुई कार्रवाई से मौके पर मौजूद लोग सन्न रह गए। कई कर्मचारी नजरें चुराते दिखे तो कुछ फरियादियों ने राहत की सांस ली। बताया जा रहा है कि आरोपी लेखपाल लंबे समय से फरियादियों को कानूनी अधिकारों के नाम पर लूट रहा था। वारिसान दर्ज करने जैसे सामान्य कार्य के लिए भी खुलेआम पैसों की मांग की जा रही थी। लेकिन इस बार घूसखोरी का यह खेल बीच तहसील में ही ध्वस्त हो गया।
एंटी करप्शन टीम आरोपी लेखपाल को हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और जल्द ही उसे जेल भेजा जाएगा। इस कार्रवाई के बाद जिले के सरकारी महकमों में बैठे घूसखोरों में खौफ साफ नजर आ रहा है। एंटी करप्शन विभाग ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने पर डरें नहीं। सीधे एंटी करप्शन टीम से संपर्क करें। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। यह कार्रवाई साफ संकेत है कि अब घूसखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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Published on:
30 Dec 2025 04:06 pm
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