
Motivational Story: दूसरों पर निर्भर होने के बावजूद पास की नीट परीक्षा
बरेली। अगर मन में कुछ करने का हौसला बुलंद हो तो कामयाबी भी आपके कदम चूमती है फिर चाहे आपके आगे कितनी ही रुकावट क्यों न हो सफलता आपके द्वार पर चल कर आती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महिमा शाह ने। महिमा ने नीट की परीक्षा पास कर ली है। आपको बता दें कि महिमा सेरिवल पैलसी बीमारी से ग्रसित है और वो किसी भी काम के लिए दूसरों पर ही निर्भर है। महिमा ने पहली ही बार में नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है जबकि तमाम अभ्यर्थियों के लिए इस परीक्षा को पास करना एक सपने के समान होता है। महिमा ने 157 अंक हासिल किए हैं जबकि इस परीक्षा को पास करने के लिए 120 अंकों की ही जरूरत होती है। महिमा की इस सफलता से उसके घर में ख़ुशी का माहौल है। महिमा अब वैटनरी डॉक्टर बन जानवरों की सेवा करना चाहती है।
पहले ही प्रयास में पास की परीक्षा
आईवीआरआई में जॉब करने वाले शैलेन्द्र शाह की 18 साल की दिव्यांग बेटी महिमा सेरिवल पैलसी बीमारी से ग्रसित है। बीमारी के कारण उसके हाथ और पैर काम नही करते, इसलिए उसका सारा काम उसके माँ और पिता करते हैं। महिमा को सेरिवल पैलसी नाम की बीमारी जन्म से है। यहां तक कि वो अपना कॉपी का पन्ना तक नहीं पलट पाती है । इसके बाबजूद महिमा पढ़ने में बहुत होशियार है इसी साल महीमा ने इंटर की परीक्षा 80 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। जिसके बाद महिमा ने नीट की परीक्षा का फ़ार्म भरा और सरकार से परीक्षा में अपने लिए एक राइटर की मांग की सरकार ने भी महिमा की मांग को मान लिया और परीक्षा के लिए उसे राइटर उपलब्ध कराया गया। जिसके बाद महिमा ने नीट की परीक्षा दी और अब जब रिजल्ट आया तो उसमे उसके 157 अंक आए है जबकि दिव्यांगों को पास होने के लिए मात्र 120 नम्बर ही चाहिए। महिमा ने पहले ही प्रयास में नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
जानवरों के लिए करना चाहती है काम
नीट की परीक्षा पास करने के बाद महिमा जानवरों के लिए शोध करना चाहती है। इसके लिए महिमा वैटनरी डॉक्टर बनेगी और जानवरों के लिए काम करेगी।
Published on:
10 Jun 2019 06:00 pm
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