
मौलाना शहाबुद्दीन और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के हालिया भाषण और लेख जहां कई मुस्लिम संगठनों की आलोचना का विषय बने हुए हैं, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने उनके पक्ष में आवाज बुलंद की है।
मौलाना रजवी ने कहा कि आरएसएस भारत का सबसे बड़ा संगठन है, और अब तक किसी भी धर्म का इतना बड़ा संगठित ढांचा सामने नहीं आया है। उन्होंने भागवत के बयानों को समाज को जोड़ने वाला और सकारात्मक बताया।
मौलाना ने कहा कि डॉ. भागवत ने कई बार ऐसे संदेश दिए हैं, जो हिंदू-मुस्लिम तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं। हाल ही में दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए सम्मेलन में भागवत ने कहा था कि हर जगह शिवलिंग मत खोजो और सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने पर ही देश की प्रगति संभव है। मौलाना रजवी ने कहा संघ प्रमुख की सोच से देश में बढ़ता अविश्वास कम होगा। टकराव और नफरत से न समाज आगे बढ़ सकता है, न ही देश। विकास के लिए सभी समुदायों को साथ मिलकर चलना होगा।
उन्होंने पिछले दो वर्षों में देशभर में हुई उन घटनाओं पर चिंता जताई, जिनमें मस्जिदों, मदरसों, मकबरों और मजारों को असामाजिक तत्वों ने निशाना बनाया। इसके चलते कई बार हालात तनावपूर्ण हुए और सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। मौलाना ने कहा कि मोहन भागवत के रुख से मुसलमानों के बीच यह उम्मीद जगी है कि आगे ऐसे तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगेगी और देश में भाईचारा और सौहार्द का वातावरण कायम होगा।
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Published on:
29 Aug 2025 01:49 pm
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