
बरेली। थानों में महिला हेल्प डेस्क सिर्फ नाम की न रह जाए, इसके लिए अब अफसर खुद फील्ड में उतरकर जांच-पड़ताल कर रहे हैं। मंगलवार को डीआईजी अजय कुमार साहनी ने थानों में चल रही महिला हेल्प डेस्क की कार्यशैली की समीक्षा की।
परिक्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में उन्होंने रजिस्टर चेक किए और महिला पुलिसकर्मियों को साफ शब्दों में समझाया कि अगर कोई महिला थाने आती है तो उसकी शिकायत को पूरी संवेदनशीलता से सुना जाए और उसका हल जल्द निकाला जाए।
डीआईजी ने बैठक में मौजूद पुलिसकर्मियों को हिदायत दी कि महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली हर शिकायत का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से होना चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने रजिस्टर में शिकायतकर्ता का नाम, पता, मोबाइल नंबर और समस्या का ब्योरा साफ-साफ लिखने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं, डीआईजी ने यह भी कहा कि शिकायत के समाधान के तीन दिन के भीतर संबंधित अधिकारी खुद फोन कर फीडबैक लें और उसे रजिस्टर में दर्ज करें।
महिला हेल्प डेस्क को तकनीकी रूप से भी मजबूत करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी थानों में कम्प्यूटर, स्कैनर और कैमरा जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों। अजय कुमार साहनी ने साफ किया कि महिला हेल्प डेस्क केवल दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए, बल्कि पीड़िताओं को राहत देने के लिए ईमानदारी से काम होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लापरवाही सामने आई तो संबंधित थाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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Published on:
22 Jul 2025 07:30 pm
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