
बरेली। शव लेकर जमानत की मांग करने कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे कलेट्रेट गेट पर भगदड़ मच गयी। पुलिस के लाठीचार्ज के कारण महिलाओं के भी चोटे आईं। जमानत की मांग करने पहुंचे परिजनों ने पुलिस पर शव को गायब करने का आरोप भी लगाया।
शेरगढ़ के खेड़ा निवासी अजीज खान की सदमे में मौत हो गई। अजीज बेटे और नाती को पुलिस ने मोहर्रम के पहले जेल भेज दिया था। सोमवार को अजीज खान के परिजन उनके बेटे और नाती की जमानत की मांग करने डीएम से मिलने उनका शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। गेट खुला मिलने पर भीड़ शव लेकर गेट के अंदर दाखिल हो गई। इसी बीच वहां तैनात गार्ड ने इनको रोकने कोशिश की तो झड़प शुरू हो गई। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल कलेक्ट्रेट पहुंच गया। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ काबू में नहीं आई। कानून व्यवस्था बिगड़ती देख पुलिस ने महिला-पुरुष देखे बिना ही लाठियां भांजना शुरू कर दीं। पुलिस का ऐसा रूप देेेखकर भीड़ घबरा गई और भीड़ तितर बितर हो गई जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
पानी को लेकर पूर्व प्रधान से है विवाद
परिजनों ने बताया कि उनका गांव के पूर्व प्रधान से पानी निकालने को लेकर काफी दिन से विवाद चल रहा था। पूर्व प्रधान के पति ने उनके घर के बीच से गंदा पानी निकाल रखा है। मोहर्रम से एक दिन पहले जब इनसे पानी रोकने को कहा गया तो उन्होंने झगड़ा शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान के पति ने पुलिस के साथ मिलकर अजीज के बेटे कदीर और उनके बेटे तनवीर को पकड़वा दिया। इनको मोहर्रम पर बवाल करने की आंशका के चलते चालान करके जेल भेज दिया गया।
सदमे से चली गई जान
भतीजे लईक ने बताया कि बेटे और नाती के जेल जाने के सदमे को अजीज बर्दास्त नहीं कर पाए और उनका इंतकाल हो गया। दो अक्तूबर की वजह से आज सरकारी छुट्टी थी, लेकिन चचा को आज सुपर्दे-ए-खाक किया जाना है। हम लोग डीएम से विशेष तौर पर बेटे को जमानत दिलाने की मांग लेकर कलेक्ट्रेट आए थे, जिससे वह अपने वालिद की मईयत में शरीक हो सके। लेकिन पुलिस ने हमारी बात सुने बिन ही लाठियां भांजनी शुरू कर दीं।
Published on:
02 Oct 2017 09:54 pm
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