
बरेली। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के एनिमल साइंस विभाग की प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता को छत्रपति साहू जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी का नया कुलपति बनाया गया है। नीलिमा गुप्ता लम्बे समय से यूनिवर्सिटी में डीन स्टूडेंड वेलफेयर के पद पर भी तैनात हैं । राज्यपाल राम नाईक ने प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता के नाम पर रविवार को मुहर लगाई। नीलिमा गुप्ता के कानपुर यूनिवर्सिटी का कुलपति बनने के बाद यूनिवर्सिटी और इससे जुड़े कॉलेजों में ख़ुशी का माहौल है ।
ऐसे बढ़ा सफर
प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से 1975 में बीएससी, 1977 में एमएससी, 1979 में एमफिल और 1981 में पीएचडी की। जिसके बाद उन्होंने 2012 में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से डीएससी की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1985 में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में लेक्चरर से पद से की थी। उसके बाद 1995 में रीडर और 2003 में प्रोफेसर बनीं । इनकी पुस्तकें और आर्टिकल भी प्रकाशित हो चुके हैं। इसके साथ ही प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता 231 कॉन्फ्रेंस में प्रजेंटेशन भी दे चुकी हैं।
रामगंगा नदी के जलीय प्राणियों पर भी किया शोध
प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने रामगंगा नदी में पाए जाने वाले जलीय जंतुओं पर भी शोध किया है। उन्होंने कालगढ़ से लेकर कन्नौज तक नदी के पानी की जांच की और इसमें पाए जाने वाले जंतुओं में गंभीर बीमारियों की भी पहचान की। जिसके कारण इन्हें टेक्सोनॉमी का सर्वोच्च सम्मान जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरुष्कार 2016 में मिला। यह पुरस्कार भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग की तरफ से तीन श्रेष्ठ वैज्ञानिकों को दिया जाता है। इसके साथ ही पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान से नवाजा।
नई ऊंचाइयों पर होगा कानपुर यूनिवर्सिटी
प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने बताया कि कानपुर युनिवर्सिटी का कुलपति बनने पर वो बहुत खुश हैं। वो यूनिवर्सिटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और शोध के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी नया मुकाम हासिल करेंगी।
Published on:
19 Feb 2018 01:50 pm
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