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आंगनबाड़ी में नियुक्ति के नाम पर वसूली, एसएसपी की जांच में दोषी पाया गया जिला समन्वयक, विभाग ने हटाया

जिले में आंगनबाड़ी भर्ती में घूसखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में तैनात जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। उस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती के नाम पर 19 हजार रुपये वसूलने का आरोप है, जिसकी पुष्टि जांच में हो चुकी है।

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बरेली। जिले में आंगनबाड़ी भर्ती में घूसखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में तैनात जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह को नौकरी से बाहर कर दिया गया है। उस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती के नाम पर 19 हजार रुपये वसूलने का आरोप है, जिसकी पुष्टि जांच में हो चुकी है।

मढ़ीनाथ की रहने वाली विभा रानी पत्नी सचिन ने आरोप लगाया था कि धर्मपाल ने उसे आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर 19 हजार रुपये लिए। जब समय पर पैसे वापस नहीं मिले, तो उसने पूरे मामले की शिकायत की। जांच की जिम्मेदारी उपायुक्त स्वत: रोजगार को सौंपी गई थी।

जांच में धर्मपाल सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उसने भी यह कबूल किया कि विभा रानी ने उसे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे। उधारी बताकर ली गई रकम को समय से न लौटाने पर मामला तूल पकड़ गया। एसएसपी अनुराग आर्य की जांच रिपोर्ट में भी 19 हजार रुपये का ट्रांजैक्शन सही पाया गया।

धर्मपाल सिंह बाल विकास परियोजनाओं से जुड़ी सूचनाएं पोर्टल पर अपडेट करने का काम करता था और पोषण अभियान के तहत आउटसोर्सिंग से तैनात था। अब विभाग ने उसे सेवा से हटा दिया है और सेवा प्रदाता एजेंसी को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी है। प्रशासन ने दो टूक कहा है कि भर्ती में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।