
बरेली। कैंट इलाके में स्थित एमईएस कॉलोनी के पास शनिवार देर रात सेना की मिलिट्री इंजीनियर सर्विस (एमईएस) से सेवानिवृत्त माली का शव मिला। शव कुटिया से करीब 70 मीटर दूर एक गड्ढे में पाया गया। जांच के दौरान पाया गया कि शव को घसीटकर ले जाया गया था, क्योंकि पीठ पर रगड़ के निशान थे। मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। मौके पर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने पहुंचकर जांच की।
नवी नगर के रहने वाले थे द्वारिका प्रसाद गुरुजी
मृतक की पहचान नवीनगर गांव के निवासी 61 वर्षीय द्वारिका प्रसाद के रूप में हुई, जो एमईएस में माली के पद पर थे और कुछ महीने पहले जून में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद उनके दोनों बेटे, हरपाल और सत्यपाल, गांव में रहने लगे, जबकि द्वारिका प्रसाद एमईएस क्वार्टर के सामने एक कुटिया में रहकर अपना समय बिताने लगे। कुटिया में कई मूर्तियां थीं, और वे हस्तरेखा देखकर लोगों को सलाह देते थे, जिसके कारण लोग उन्हें 'गुरु जी' कहकर पुकारते थे। शनिवार शाम 7:30 बजे, द्वारिका प्रसाद के पौत्र प्रशांत उनसे मिलने के लिए कुटिया पहुंचे, लेकिन वे वहां नहीं मिले। आधे घंटे तक इंतजार के बाद, प्रशांत ने गांव में परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी दी। सत्यपाल मौके पर पहुंचे, और इसके बाद दोनों ने द्वारिका प्रसाद की तलाश शुरू की। तलाश के दौरान प्रशांत को जमीन पर शव घसीटे जाने के निशान मिले।
शनिवार रात को मिला शव
रात 10:45 बजे, द्वारिका प्रसाद का शव औंधे मुंह कुटिया से 70 मीटर दूर एक गड्ढे में पाया गया। प्रशांत ने तुरंत यूपी 112 को सूचित किया, जिसके बाद कैंट पुलिस, सीओ पंकज कुमार श्रीवास्तव, और फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की। सत्यपाल ने बताया कि उनके पिता के गले पर सूजन थी और पीठ पर घसीटे जाने के निशान थे, जिससे साफ होता है कि उनकी हत्या कर शव को फेंका गया है। सीओ पंकज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा।
Updated on:
29 Sept 2024 03:07 pm
Published on:
29 Sept 2024 12:10 pm
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