
बरेली। यूपी सरकार में मंत्री को करीबी और प्रदेश के एक एडीजी को रिश्तेदार बताकर धोखाधड़ी के आरोपी पीलीभीत में हनुमान राइस मिल के मालिक अर्पित अग्रवाल और उनके पार्टनर नितेंद्र मिश्रा धौंस मिश्रा धौंस जमा रहे हैं। मंत्री और अफसरों से फोन करवा रहे हैं, इस रुतबे का असर बरेली की ईमानदार पुलिस पर भी साफ नजर आ रहा है। पहले तो 15 दिन की जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई। अब इज्जतनगर पुलिस के दरोगा ने तो डुप्लीकेट संतोष टंडन की जांच करने के बजाय प्रियंका टंडन को ही नकली बता दिया है। पुलिस ने कहा कि संतोष टंडन की बेटी का नाम सिद्धी है। उनकी प्रियंका टंडन नाम की कोई बेटी ही नहीं है।
50 लाख रुपये की ठगी दिखाकर बरेली के पुलिस अधिकारियों से सहानुभूति बटोरने वाले पीलीभीत के राइस मिलर अर्पित अग्रवाल अपने बुने जाल में फंसते जा रहे हैं। एडीजी को रिश्तेदार और बरेली मंडल के एक मंत्री को अपना करीबी बताकर वह धोखाधड़ी की एफआईआर कराने में तो कामयाब हो गये हैं, लेकिन लिखा पढ़ी में उन्होंने इतनी गलतियां कर डाली हैं कि बरेली के ईमानदार अफसर चाहकर भी उन्हें बचा नहीं पाये हैं। कुछ लोगों के झांसे में आकर उन्होंने नकली संतोष टंडन को असली जानकर उससे सात करोड़ की जमीन का बैनामा करा लिया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन जमीन के लालच में इसके बाद उन्होंने गलतियों पर गलतियां शुरू कर दीं।
पहली गलती : ड्राइवर के मोबाइल व्हाटसएप से माडल टाउन के कारोबारी चरन जीत सिंह को धमकी दी
दूसरी गलती : मृतक संतोष टंडन को ले जाकर एग्रीमेंट कैंसिल कराया, लेकिन संतोष टंडन को पुलिस अधिकारियों को नहीं सौंपा
तीसरी गलती : मृतक के डुप्लीकेट पर इतना भरोसा कि रशीद लिखकर उस पर 50 लाख उधार कर लिया, दो माह में लेने का वादा
चौथी गलती : छह पार्टनरों में दो अर्पित, नितेंद्र वादी बन गये, तीन को आरोपी बना दिया, एक राइस मिलर के बेटे को पिक्चर से गायब कर दिया
इज्जतनगर में बैरियर टू क्षेत्र में आनंदम पब्लिक स्कूल, डोहरा माफी की रहने वाली प्रियंका टंडन ने इज्जतनगर पुलिस को शपत्रपत्र दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि मुकदमा मैंने कराया है। दो अप्रैल 1982 को मेरा जन्म कानपुर में हुआ था। परिवार में एक भाई गौरव टंडन, जुड़वां बहनें रिद्धी और सिद्धी, और बड़ी बहन कविता कपूर हैं। मेरे पिता ने मेरा नाम कु. सिद्धी टंडन रखा था। इसी नाम से मेरे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्र हैं। मेरा विवाह 15 दिसंबर 2002 को अजिर टंडन (पुत्र स्व. संजीव टंडन, निवासी 17, जनकपुरी, प्रेमनगर, बरेली) से हुआ। मेरे विवाह के समय मेरे पिता ने शादी के कार्ड में मेरा नाम कु. सिद्धी और दूल्हे का नाम अजिर छपवाया था। ससुराल पक्ष ने अपने पारिवारिक पंडित की सलाह पर मेरा नाम बदलकर प्रियंका रखा। ससुराल पक्ष द्वारा छपवाए गए शादी के कार्ड में मेरा नाम प्रियंका उर्फ सिद्धी और दूल्हे का नाम अजिर है। सिद्धी टंडन और प्रियंका टंडन एक ही हैं।
Published on:
26 Nov 2024 07:47 pm
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