
बरेली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का रविवार को बरेली में पूरी तरह आक्रामक और सियासी तेवरों से भरा अंदाज देखने को मिला। फतेहगंज पूर्वी के जरौल गांव में वह बैलगाड़ी पर बैठकर पहुंचे और जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा सरकार और बजरंग दल पर जोरदार हमला बोला। मंच से संजय सिंह की भाषा तीखी थी और निशाना सीधा केंद्र और प्रदेश की सत्ता पर।
संजय सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सख्त हस्तक्षेप करना चाहिए था। उन्होंने कहा हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोले। क्यों- क्योंकि उनके दोस्त अदाणी का नुकसान हो जाएगा। बांग्लादेश में अदाणी का बिजली का कारोबार चल रहा है। दोस्त का नुकसान न हो, भले ही देश का नुकसान हो जाए। संजय सिंह ने तीखे शब्दों में कहा मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं, वह अदाणी के प्रधानमंत्री हैं। देश की संपत्ति बेची जा रही है, पहाड़ और पर्वत तक बेच दिए गए हैं।
बरेली में क्रिसमस से पहले चर्च के बाहर हनुमान चालीसा पाठ के मामले को लेकर संजय सिंह ने बजरंग दल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश देता है। लेकिन आज उसी धर्म को नफरत और उन्माद के औजार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया हनुमान चालीसा पढ़नी है तो मंदिर में पढ़िए। चर्च या मस्जिद में पढ़ने के लिए किसने कहा।
आप सांसद ने कहा कि बजरंग दल के लोग होटलों में घुसकर मारपीट कर रहे हैं। यह अधिकार इन्हें किसने दिया? इससे आम लोग भयभीत और आतंकित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में रोजगार मांगने पर युवाओं को लाठी मिलती है, जनता तमाम दुश्वारियां झेल रही है। लोग भाजपा से निजात चाहते हैं। भाजपा नफरत की बुनियाद पर हिंदुस्तान बनाना चाहती है, जो कभी संभव नहीं है।
एसआईआर के मुद्दे पर संजय सिंह ने कहा कि जो बिहार में हुआ, वही अब उत्तर प्रदेश में दोहराया जा रहा है। वोट को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने देश के हर नागरिक को मतदान का अधिकार दिया, संविधान सम्मान के साथ जीने की गारंटी देता है, लेकिन यूपी में कहीं दलित को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता, कहीं कथावाचक की चोटी काटी जाती है। पिछड़ों का आरक्षण खाया जा रहा है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में दलितों और पिछड़े वर्ग के अधिकार लगातार छीने जा रहे हैं। ये हालात बता रहे हैं कि सरकार संविधान की आत्मा को कुचल रही है।
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Updated on:
28 Dec 2025 05:28 pm
Published on:
28 Dec 2025 05:27 pm
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