मामला बरेली का है। यहां आरटीओ दफ्तर के अंदर बाहर दलालों का रेला है। ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) से लेकर वाहन ट्रांसफर तक के लिए बैठे। यहां तक यह बाइक को कार, टैंकर को ट्रेक बनाने की कला में माहिर है। लेकिन अब यह एक लेवेल आगे बढ़ गए हैं। कारला एचपी एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (Kalra HP and Finance Company Limited) शहर में ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw) खरीदने वालों को लोन देती है। 2005-15 के बीच हजारों लोगों ने यहां से लोन लिया। इसी बीच कंपनी ने अपने एक कर्मचारी अजय कुमान के नाम एक या दो नहीं बल्कि 1269 ऑटो के पंजीकरण और परमिट करवा लिए। एक अन्य कर्मचारी संजय के नाम 450 ऑटो रिक्शा के कागजातों में उसे पार्टनर बना दिया। यह सभी आरटीओ में बैठे कर्मचारियों व दलालों की मिलीभगत से संभव हुआ है।
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होगी कार्रवाई-
कंपनी का कहना है कि दोनों की कर्मी अब वहां काम नहीं करते हैं। वहीं बताया है कि कागजात में उनके नाम गारंटर के रूप में दर्ज हैं।आरटीओ कल गुप्ता का कहना है कि मामले संज्ञान में अभी आया है। इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
होगी कार्रवाई-
कंपनी का कहना है कि दोनों की कर्मी अब वहां काम नहीं करते हैं। वहीं बताया है कि कागजात में उनके नाम गारंटर के रूप में दर्ज हैं।आरटीओ कल गुप्ता का कहना है कि मामले संज्ञान में अभी आया है। इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।